न्यायालय लखीमपुर जमानत घटनाक्रम

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (ए) उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा प्रदान की गई जमानत को शीर्ष अदालत ने सोमवार को रद्द कर दिया। मामले का पूरा घटनाक्रम इस प्रकार है:

तीन अक्टूबर 2021: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन में भड़की हिंसा के दौरान लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की मौत हो गई।

पांच अक्टूबर 2021: घटना की जांच की निष्पक्षता को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई।

20 अक्टूबर 2021: उच्चतम न्यायालय ने मामले की चल रही जांच को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर अप्रसन्ना जाहिर करते हुए कहा कि उसे लगता है कि पुलिस जानबूझकर जांच में देरी कर रही है और उन्हें उस धारणा को दूर करने, मजिस्ट्रेट के सामने गवाहों के बयान दर्ज करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

26 अक्टूबर 2021: शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के गवाहों को सुरक्षा देने और अधिक चश्मदीदों को तलाशने का निर्देश दिया ।

17 नवंबर 2021: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश एसआईटी द्वारा की जा रही जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया।

10 फरवरी 2022: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने आशीष को नियमित जमानत दी और कहा कि यह “वाहन से टक्कर लगने की दुर्घटना’ का मामला है।

21 फरवरी 2022: आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से दी गई जमानत को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर।

चार मार्च 2022: उच्चतम न्यायालय , इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई को सहमत हुआ।

29 मार्च 2022: उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि आशीष मिश्रा को जमानत देने को चुनौती देने का निर्णय संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है।

चार अप्रैल 2022: उच्च न्यायालय द्वारा आशीष मिश्रा को जमानत देने के फैसले पर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जब मुकदमे की सुनवाई शुरू होना बाकी है तब पोस्टमार्टम रिपोर्ट, घावों की प्रकृति जैसे अनावश्यक विवरण में नहीं जाना चाहिए था । साथ ही न्यायालय ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

18 अप्रैल 2022: शीर्ष अदालत ने इलाहबाद उच्च न्यायालय द्वारा आशीष मिश्रा को दी गई जमानत रद्द की और उससे एक हफ्ते में समर्पण करने को कहा।