प्रधानमंत्री मोदी का वादा, तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा

राष्ट्रीय
Spread the love

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल की जोरदार वकालत करते हुए भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का वादा किया।.

लोकसभा में विपक्षी कांग्रेस द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के ही दिन प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के विकास के एजेंडे को प्रदर्शित करने के लिए आंकड़े पेश किए और गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का विश्वास जताया।.

राष्ट्रीय राजधानी के बीचोंबीच प्रगति मैदान में एक विश्वस्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से पूरा देश उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का परिणाम देख रहा है।

उन्होंने सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले 123 एकड़ के परिसर का नाम ‘भारत मंडपम’ रखा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पहले कार्यकाल की शुरुआत में भारत वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में 10वें स्थान पर था। दुसरे कार्यकाल में आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर मैं देश को ये भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था में पहुंच कर रहेगा और ये मोदी की गारंटी है।’’

मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार अगले साल मई में अपने 10 साल पूरे करेगी। राजग विकास के मुद्दे पर तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अगले 25 साल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य हासिल करना है

उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत निश्चित रूप से गरीबी मिटा सकता है, क्योंकि इसमें 13.5 करोड़ गरीबों को गरीबी से बाहर निकालने की बात कही गई है।

अपने नौ साल के कार्यकाल के दौरान हवाई अड्डों की संख्या, रेलवे लाइन के विद्युतीकरण से लेकर शहरी गैस के विस्तार तक के विकास के आंकड़े पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तब भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था।

देश अब अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद दुनिया में पांचवें स्थान पर है।

अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएंगे जो राष्ट्र पहले, नागरिक पहले के सिद्धांत पर काम करेगा।’’

अगले आम चुनाव मई 2024 में होने हैं।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने प्रगति मैदान में पुनर्विकसित आईईसीसी ‘भारत मंडपम’ को राष्‍ट्र को समर्पित किया और इसे भारतीयों द्वारा अपने लोकतंत्र को दिया एक खूबसूरत उपहार करार दिया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि ‘नकारात्मक सोच वालों’ ने इस परियोजना को भी लटकाने का प्रयास किया लेकिन ‘भारत मंडपम’ को देखकर आज हर भारतीय खुशी से भरा हुआ है और गर्व महसूस कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत मंडपम आह्वान है भारत के सामर्थ्य का, भारत की नयी ऊर्जा का। यह भारत की भव्यता और इसकी इच्छाशक्ति का दर्शन है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज वह हासिल कर रहा है जो पहले अकल्पनीय था, इसलिए विकसित होने के लिए देश को बड़ा सोचना ही होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इसी सिद्धांत को अपनाते हुए भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है।’’

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ‘नकारात्मक सोच वाले लोगों’ की कमी नहीं है क्योंकि उन्होंने इस निर्माण को रोकने के लिए भी बहुत कोशिशें की।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जहां सत्य होता है, वहां ईश्वर भी होता है। अब यह सुंदर परिसर आपकी आंखों के सामने मौजूद है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों की फितरत होती है, हर अच्छे काम को रोकने की और टोकने की।

उन्होंने राजपथ का नाम कर्तव्य पथ किए जाने के दौरान विपक्षी दलों के विरोध की ओर इशारा करते हुए कहा कि उस समय भी अदालत में ना जाने कितने मामले उठाए गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब कर्तव्य पथ बन गया वे लोग भी दबी जुबान से कह रहे हैं अच्छा हुआ है जी। देश की शोभा बढ़ाने वाला है। और मुझे विश्वास है कुछ समय बाद भारत मंडपम के लिए भी वह टोली खुल करके बोले या ना बोले लेकिन भीतर से तो स्वीकार करेगी। और हो सकता है किसी समय यहां भाषण देने भी आए।’’

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर यह घोषणा की कि दिल्ली में दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बनने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के कठिन काल में जब हर तरफ काम रुका हुआ था तब देश के श्रमजीवियों ने दिन-रात मेहनत करके इसका निर्माण पूरा किया है। उन्होंने इसके निर्माण से जुड़े हर श्रमिक का अभिनंदन किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ हफ्तों बाद यहीं पर जी-20 से जुड़े आयोजन होंगे और दुनिया के बड़े-बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां उपस्थित होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के बढ़ते हुए कदम और भारत का बढ़ता हुआ कद इस भव्य भारत मंडपम से पूरी दुनिया देखेगी।

उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया एक दूसरे से जुड़ी हुई है और एक दूसरे पर निर्भर है और वैश्विक स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला लगातार चलती रहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कार्यक्रम कभी एक देश में तो कभी दूसरे देश में चलते रहते हैं। ऐसे में भारत की राजधानी दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक कन्वेंशन सेंटर होना बहुत ही जरूरी था।’’

इससे पहले उन्होंने आज सुबह परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की।

इससे पहले उन्होंने आज सुबह परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की।

पूजा करने के बाद प्रधानमंत्री ने इस परिसर के पुनर्विकास में योगदान देने वाले श्रमिकों से मुलाकात की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई।

शाम में परिसर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने इसका उद्घाटन किया। नये परिसर को ‘भारत मंडपम’ नाम दिया गया है।

यह परिसर देश में अन्‍तरराष्‍ट्रीय बैठकों, सम्‍मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्‍वस्‍तरीय बुनियादी ढांचे के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर आधारित है।

इस परियोजना को लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। लगभग 123 एकड़ भूभाग में तैयार यह परिसर देश के सबसे बड़े बैठक, सम्‍मेलन और प्रदर्शनी केन्‍द्र के रूप में विकसित किया गया है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत की अध्यक्षता में हो रही जी-20 बैठकों पर दो स्मारक सिक्के और दो डाक टिकट जारी किये।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी जैसे शीर्ष सरकारी मंत्री एक अलग दीर्घा में बैठे थे।

इस कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी मौजूद थे।

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान, अंबानी परिवार के आकाश अंबानी और अरबपति कुमार मंगलम बिड़ला सहित उद्योग जगत के कई दिग्गज, राजनयिक और अधिकारी इस उद्घाटन के मौके पर मौजूद थे।

अंबानी के साथ उनके एक तरफ बहनोई आनंद पीरामल थे तो दूसरी तरफ उदय कोटक बैठे थे। कोटक के बगल में बिड़ला बैठे थे। उद्योग जगत की कई अन्य हस्तियां भी अग्रिम पंक्तियों में नजर आईं।