बड़ी संख्या में आंध्र प्रदेश के आईटी और सरकारी कर्मचारियों ने गलत रिटर्न भरा है : आयकर विभाग

राष्ट्रीय
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अमरावती/हैदराबाद, सात जुलाई (ए) आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बड़ी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों और सरकारी कर्मचारियों ने गलत कर कटौती और छूट का दावा किया है। आयकर विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।.

विभाग ने साथ ही स्पष्ट किया कि इन कर्मचारियों को आयकर रिटर्न में सुधार करने का मौका दिया गया है।

विभाग ने बताया कि जांच के दौरान कर अधिकारियों ने पाया कि सीधे-साधे कर्मचारियों ने बिचौलियों और साथियों के बहकाने पर धन वापसी के लिए गलत दावे पेश किए।

आयकर विभाग ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में कहा, ‘‘ कई रिटर्न भरने वाले सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) और प्रतिष्ठित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों में कार्यरत हैं। संज्ञान में आया कि इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे करदाता हैं जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से बाहर स्थित कंपनियों में काम कर रहे हैं लेकिन उनका पैन कार्ड आंध्र प्रदेश/ तेलंगाना का बना है।’’

बयान के मुताबिक आयकर विभाग ने सलाहकारों और बिचौलियों का सर्वेक्षण किया जिसमें इस फर्जीवाड़े के लिए आपराधिक कृत्य में संलिप्तता के सबूत मिले। इनमें से कई ने स्वीकार किया कि उन्होंने फर्जी तरीके से छूट का दावा किया ताकि उनके मुवक्किलों (कर्मचारियों एवं अन्य) की धन वापसी हो।

आयकर विभाग के मुताबिक इनमें से अच्छी खासी संख्या ऐसे करदाताओं की है जिनके नियोक्ता द्वारा स्रोत पर कर (टीडीएस) के तौर पर काटी गई रकम का 75 से 90 प्रतिशत तक वापसी का दावा किया गया।

आयकर अधिनियम की धारा1961 के तहत आय की गलत जानकारी देने या गलत छूट का दावा करने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है जिसमें 200 प्रतिशत तक जुर्माना और जेल का भी प्रावधान है।

आयकर विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी करदाताओं से अपने छूट के दावों पर पुनर्विचार करने और संशोधित रिटर्न जमा करने को कहा है