भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 11,831 नए मामले सामने आए, 84 और रोगियों की मौत

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, आठ फरवरी (ए) केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 11,831 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,08,38,194 हो गई है जबकि इस महीने चौथी बार एक दिन में कोविड-19 से जान गंवाने वालों की तादाद 100 से कम रही है।

मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार एक दिन में 84 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,55,080 हो गई है।

आंकड़ों के अनुसार ठीक हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 1,05,34,505 हो गई है, जिसके साथ ही संक्रमण से उबरने की दर 97.20 तक पहुंच गई है जबकि कोविड-19 मृत्युदर फिलहाल 1.43 प्रतिशत है।

मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के उपचाराधीन रोगियों की संख्या दो लाख से कम है।

आंकड़ों में बताया गया है कि देश में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 1,48,609 है, जो अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या का 1.37 प्रतिशत है।

भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख, 23 अगस्त को 23 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख, 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ से अधिक हो गई थी।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार सात फरवरी तक कुल 20,19,00,614 नमूनों की कोविड-19 जांच की जा चुकी है। रविवार को  5,32,236 नमूनों की जांच की गई।

देश में एक दिन में कोविड-19 से मौत के 84 मामले सामने आए हैं, जिनमें से महाराष्ट्र से 30, केरल से 19, छत्तीसगढ़ से छह, पश्चिम बंगाल से पांच, उत्तराखंड से चार, कर्नाटक से तीन, दिल्ली, गोवा, हरियाणा और पंजाब से सामने आए दो-दो मामले शामिल हैं।

भारत में कोविड-19 से अब तक कुल 1,55,080 रोगियों की जान चुकी है। इनमें से महाराष्ट्र में 51,310, तमिलनाडु में 12,383, कर्नाटक में 12,236, दिल्ली में 10,879, पश्चिम बंगाल में 10,207, उत्तर प्रदेश में 8,687 और आंध्र प्रदेश में 7,159 रोगियों की मौत हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मामलों में रोगी अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त थे।

मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘हमारे आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों से मिलान किया जा रहा है।’