मणिपुर में जातीय हिंसा में 98 की मौत, 310 घायल: सरकार

राष्ट्रीय
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इंफाल, दो जून (ए) मणिपुर में एक महीने पहले भड़की हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान जा चुकी है और 310 लोग घायल हो गये। सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी।.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी बयान के अनुसार इस समय 272 राहत शिविरों में कुल 37,450 लोग हैं।.

उसने कहा कि राज्य में हिंसा शुरू होने के बाद से आगजनी के 4,014 मामले सामने आये हैं।

सीएमओ के मुताबिक, ‘‘मौत के मामले 98 रहे और घायलों की संख्या 310 दर्ज की गयी है।’’

बयान के अनुसार पिछले एक महीने में राज्य पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 3,734 मामले दर्ज किये हैं और हिंसा में संलिप्तता के मामले में 65 लोगों को गिरफ्तार किया है।

उसने कहा, ‘‘विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों की वजह से अब उपद्रवियों द्वारा गोलीबारी या घरों को जलाने की इक्का-दुक्का घटनाएं ही सामने आ रही हैं।’’

मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया कि संवेदनशील क्षेत्रों में सेना, असम राइफल्स, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और स्थानीय पुलिस को लगाया गया है।

उसने कहा कि अब तक केंद्रीय सशस्त्र बलों की 84 कंपनियां तैनात की गयी हैं। बयान के अनुसार, ‘‘और अधिक कंपनियां तैनात की जा रही हैं। व्यापक रूप से फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं। आज से तलाशी अभियान चलाये जाएंगे और छीने हुए हथियार तथा कारतूस आदि जब्त किये जाएंगे।’’

सरकार ने लोगों से हिंसा के दौरान छीने हुए हथियारों और गोला-बारूद एवं कारतूसों को लौटाने की अपील की है।

उसने कहा, ‘‘यदि किसी व्यक्ति के पास छीने हुए हथियार और कारतूस पाये जाते हैं तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’

बयान में कहा गया कि सुरक्षा एजेंसियों को अब तक 11 मैगजीन के साथ 144 हथियार प्राप्त हुए हैं।

उसने कहा कि गांव प्रधानों और सामाजिक संगठनों के साथ बैठक की जा रही हैं और शांति लाने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकतर जिलों में स्थिति सामान्य होने का दावा किया गया।

वक्तव्य के अनुसार इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर और फेरजॉल में कर्फ्यू में 12 घंटे की ढील दी गयी है, वहीं कांगपोकपी में 11 घंटे के लिए, चूड़ाचंदपुर तथा चंदेल में 10 घंटे के लिए, जिरिबाम तथा तेनुगोपाल में आठ घंटे के लिए और थोबाल एवं काकचिंग जिलों में सात घंटे के लिए ढील दी गयी है।

इसमें कहा गया कि तामेंगलोंग, नॉने, सेनापति, उखरुल और कामजोंग में कोई कर्फ्यू नहीं है।

बयान के अनुसार, ‘‘राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही सुनिश्चित की गयी है।’’ इसमें बताया गया कि करीब 450 ट्रक आवश्यक सामग्री लेकर जा रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर का चार दिवसीय दौरा किया जो बृहस्पतिवार तक चला।

मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद जातीय हिंसा भड़क उठी थी। अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मेइती समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च’ का आयोजन किया गया था।