मोदी दोबारा सत्ता में नहीं आए तो बिहार के सीमांत इलाके ‘‘घुसपैठियों से भर’’ जायेंगे: शाह

राष्ट्रीय
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झंझारपुर (बिहार), 16 सितंबर (ए) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आगाह किया कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोबारा सत्ता में नहीं आए तो सीमांत के निकटवर्ती बिहार के इलाके ‘‘घुसपैठियों से भर’’ जायेंगे।.

शाह ने नेपाल और बांग्लादेश के निकट स्थित झंझारपुर संसदीय क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर सरकारी स्कूलों की छुट्टियों में कटौती जैसे कदमों के जरिये ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति’’ करने का आरोप लगाया।.गृह मंत्री ने अपने लगभग 30 मिनट के संबोधन में कहा, ‘‘मैं बिहार के लोगों को इसका विरोध करने के लिए बधाई देना चाहता हूं, जिसने राज्य सरकार को अपना उस आदेश वापस लेने के लिए मजबूर किया, जिसके तहत भाई-बहन के त्योहार रक्षाबंधन और जन्माष्टमी की छुट्टियां खत्म कर दी गई थी।’’

शाह ने अयोध्या में राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 पर अपने पैर वापस खींचने के लिए राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन में भागीदार कांग्रेस की आलोचना की।

उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और ‘‘अगले साल जनवरी तक’’ मंदिर के निर्माण को संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘यदि लालू-नीतीश की जोड़ी बिहार में सत्ता में लौटती है और नरेन्द्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनते हैं तो सारा सीमांत क्षेत्र घुसपैठियों से भर जायेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में अनेक प्रकार के सवाल खड़े होंगे। क्या आप चाहते हैं कि यह क्षेत्र घुसपैठियों से भरा रहे।’’

शाह ने विश्वास जताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 2024 के आम चुनाव में बिहार की सभी 40 लोकसभा सीट जीतेगा।

गृह मंत्री ने ‘‘सनातन धर्म’’ के कथित अपमान के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की भी आलोचना की और दावा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने पिछला नाम ‘‘संप्रग’’ हटा दिया क्योंकि यह ‘‘12 लाख करोड़ रुपये से जुड़े घोटालों’’ से जुड़ा था।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कुछ घोटालों में लालू प्रसाद, जो उस समय रेल मंत्री थे, शामिल थे। अब नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इन घोटालों पर आंखें मूंद रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन नीतीश कुमार को पता होना चाहिए कि प्रधानमंत्री पद के लिए कोई ‘वैकेंसी (रिक्ति)’ नहीं है। लालू के साथ उनका गठबंधन पानी में तेल मिलाने की कोशिश जैसा है।’’

शाह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने के बारे में सोच रहे हैं, जबकि उनका सहयोगी दल बेटे (उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव) को राज्य में सत्ता के सर्वोच्च पद पर बैठाने में मदद करने की योजना बनाने में व्यस्त है।

उन्होंने केंद्र की रामायण सर्किट पर्यटन योजना के तहत बिहार को मिलने वाले लाभों के बारे में बताया, जिसके दायरे में राज्य के कई जिले आते हैं।