लखनऊ, 14 अगस्त एएनएस। उत्तर प्रदेश के 23 पुलिस अधिकारियों व जवानों को वीरता का राष्ट्रपति पदक दिया जाएगा। इनमें एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी 112 असीम अरुण, सचिव गृह के पद पर तैनात आईजी एसके भगत, पुलिस भर्ती बोर्ड में तैनात डीआईजी विजय भूषण और बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डा. अरविंद चतुर्वेदी का नाम भी शामिल है।
डीआईजी विजय भूषण को यह पदक पांचवीं बार मिला है। वह सबसे ज्यादा बार यह पदक पाने वाले देश के आईपीएस अफसर हैं। एसटीएफ में तैनाती के दौरान तत्कालीन एसएसपी एसके भगत व एएसपी विजय भूषण के साथ तत्कालीन डीएसपी डा. अरविंद चतुर्वेदी ने कुख्यात शूटर फिरदौस को मुंबई में अप्रैल 2006 को मलाड स्थित माल में हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया था। फिरदौस भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी था। उससे दो पिस्तौलें बरामद हुई थीं। उस पर प्रदेश सरकार ने पचास हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। वह मुख्तार अंसारी गैंग का प्रमुख शूटर के रूप में सक्रिय था। इसी मामले में बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डा.अरविंद चतुर्वेदी को भी वीरता पदक दिया गया है। साथ ही तत्कालीन एसआई धनंजय मिश्रा को भी राष्ट्रपति का वीरता पदक दिया गया है। धनंजय फिलवक्त मऊ में सीओ के पद पर तैनात हैं।