राजस्‍थान: भाजपा ने अन्य राज्यों की महिला नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा

राष्ट्रीय
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उदयपुर, छह नवंबर (ए) राजस्थान में जहां कांग्रेस महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए महिला केंद्रित कल्याण योजनाओं और ‘‘गारंटी’’ पर भरोसा कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जमीनी स्तर पर पैठ बनाने के लिए अन्य राज्यों की महिला नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा है।.

राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को होंगे और मतगणना तीन दिसंबर को होगी।.भाजपा राज्य महिला मोर्चा के अलावा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों की महिला नेता भी मोदी सरकार की योजनाओं तथा कार्यक्रमों का प्रचार करने और महिलाओं, उनके परिवार के सदस्य तक पहुंचने के लिए राज्य के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में घूम रही हैं।

भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य महिला मोर्चा की प्रभारी दीप्ति रावत भारद्वाज ने कहा कि महिलाओं का मत भाजपा को मिले यह सुनिश्चित करने के लिए, एक रणनीति बनाई गई है।

भारद्वाज ने उदयपुर में ‘पीटीआई- भाषा’ को बताया, ‘‘राज्य की महिला मोर्चा सक्रिय है लेकिन चुनाव को लेकर बहुत दबाव है, इसलिए दूसरे राज्यों अनुभवी महिला नेताओं को भी बुलाया गया है। वे अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जा रही हैं। घर-घर अभियान के लिए कई टीम का गठन किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि रणनीति के अनुसार प्रत्येक मंडल में दो टीमें एक सुबह और दूसरी शाम को काम करेंगी।

उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की जिन महिला नेताओं को प्रचार में उतारा गया है, उनमें मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक, वरिष्ठ पदाधिकारी, महापौर और उप महापौर भी शामिल हैं।

जिन सीटों पर कांटे की टक्कर है, उन्हीं सीटों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान के चुनाव महिला मतदाताओं की बड़ी भूमिका रहती है। चूंकि राज्य में 50 फीसदी महिला मतदाता हैं ऐसे में उन तक पहुंच बनाना जरूरी है। महिलाओं का वोट हमेशा भाजपा को जाता रहा है। इसका कारण यह है कि प्रधानमंत्री मोदी जो कहते हैं वो करते हैं।’’

उन्होंने बताया कि महिला मोर्चा के सदस्य जगह-जगह बैठकें कर रही हैं, घर-घर अभियान चला रही हैं और हर तरह से महिला मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं।

उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस राज में महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म और अत्याचार के मामले बढ़े हैं और कांग्रेस जिन योजनाओं की बात करती है, उनसे महिलाओं को कोई लाभ नहीं मिला है।

उन्होंने कहा, ‘‘दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान सबसे ऊपर है, जो महिलाओं के सम्मान की रक्षा करने में सरकार की विफलता को दर्शाता है। कांग्रेस जिन योजनाओं की बात करती है, वे सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए चुनाव से पहले शुरू की गई हैं।’’

उन्होंने कहा कि महिलाएं कांग्रेस के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा करती हैं।

दूसरी ओर, समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष एवं जयपुर के मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अर्चना शर्मा ने कहा कि पांच साल पहले सत्ता में आने के बाद गहलोत सरकार ने महिला केंद्रित योजनाएं शुरू कीं।

उन्होंने कहा, ”राजस्थान वह राज्य है, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध पर तुरंत कार्रवाई की जाती है, जबकि जहां भाजपा की सरकार है, वहां भाजपा अपराधियों के साथ खड़ी है।”

उन्होंने कहा, ”राज्य में कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है और माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। कांग्रेस और भाजपा के बीच सत्ता बदलने की दशकों पुरानी परंपरा इस बार टूटने जा रही है क्योंकि लोग कांग्रेस शासन से खुश हैं।”

राजस्थान में कुल मतदाताओं में लगभग 50 फीसदी महिलाएं हैं और महिला मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उनके लिए कई योजनाएं शुरू कीं।

राज्य सरकार इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन वितरण योजना, मुफ्त भोजन पैकेट योजना, राज्य रोडवेज बसों में आधा किराया, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए 500 रुपये में गैस सिलेंडर और मुफ्त सैनिटरी नैपकिन जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं तक पहुंच बना रही है।