नयी दिल्ली: आठ फरवरी (ए) संसद ने बृहस्पतिवार को संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 और संविधान (अनुसूचित जाति एवं जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 को मंजूरी दे दी।
इनमें एक विधेयक में आंध्र प्रदेश के तीन समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने और दूसरे में ओडिशा के कुछ समुदायों को जनजाति एवं अनुसूचित जाति समूह में शामिल करने का प्रावधान है। लोकसभा ने आज चर्चा और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री भारती पवार के जवाब के बाद दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। विगत छह फरवरी को ये विधेयक राज्यसभा में पारित किए गए थे।लोकसभा में इन विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए भारती पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनजातीय लोगों में भी अति पिछड़े लोगों के विकास पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि उनके साथ हुए अन्याय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने खत्म किया है।
मुंडा ने कहा कि इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए कि ऐसे विधेयक आजादी के इतने साल बाद क्यों सदन में लाए जाने की जरूरत पड़ी।इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद विंसेट पाला ने कहा कि सरकार को दलित ईसाई को भी अनुसूचित जाति के दायरे में लाना चाहिए ताकि उनके साथ न्याय हो सके।