लखनऊ: 18 मई (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ पर राज्य के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बारे में की टिप्पणी के मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने समाजवादी कार्यकर्ताओं को समझा दिया है, लेकिन उम्मीद है कि पाठक जिस तरह की बयानबाजी निंरतर करते आये हैं उस पर भी विराम लगेगा।
यादव ने शनिवार देर रात पाठक के मामले में एक लंबा पोस्ट लिखा।
यादव ने पाठक को नसीहत देते हुए कहा, “सब जानते हैं कि हम यदुवंशी हैं और यदुवंश का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है। ऐसे में हमारे ‘डीएनए’ के बारे में आपके प्रहार से हम धार्मिक रूप से भी आहत हुए हैं।”
दरअसल, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लखनऊ महानगर इकाई के अध्यक्ष आनन्द द्विवेदी ने राज्य के मुख्य विपक्षी दल सपा मीडिया प्रकोष्ठ के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल के अज्ञात हैंडलर के खिलाफ उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के “डीएनए” को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में शनिवार को लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
सपा के मीडिया प्रकोष्ठ ने शनिवार को ‘एक्स’ खाते पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के डीएनए को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। हालांकि कुछ देर बाद पोस्ट को डिलीट कर दी गई।
पाठक ने सपा के ‘डिलीट’ पोस्ट को साझा करते हुए शनिवार को यादव पर निशाना साधा।
पाठक ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा “अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है!! किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है?”
पाठक ने पोस्ट में कहा “लोकतंत्र में सहमति-असहमति और आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? क्या आदरणीय डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी? सोचिएगा!!!”
पाठक के इस पोस्ट के कुछ घंटे बाद यादव ने ‘एक्स’ पर एक लंबे पोस्ट में कहा “हमने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गयी आपकी (पाठक) ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’ से आहत होकर आपा खो बैठे।”
यादव ने इसी पोस्ट में कहा “आइंदा ऐसा न हो, इसके लिए हमने उनसे तो ये आश्वासन ले लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि आप जिस तरह की बयानबाजी निंरतर करते आये हैं उस पर भी विराम लगेगा।”
उन्होंने पोस्ट में कहा “आप जिस स्तर के बयान देते हैं वे भले आपको अपने व्यक्तिगत स्तर पर उचित लगते हों, लेकिन आपके पद की मर्यादा और शालीनता के पैमाने पर किसी भी तरह उचित नहीं ठहाराये जा सकते।”
यादव ने कहा, “ऐसे में आपसे आग्रह है कि राजनीति करते-करते न अपनी नैतिकता भूलिए और न ही धर्म जैसी संवेदनशील भावना को जाने-अंजाने में ठेस पहुंचाइए।”
यादव ने कहा “आशा है आप अपनी टिप्पणी के लिए अपने अंदर बैठे हुए उस अच्छे इंसान से क्षमा मांगेंगे, जो पहले ऐसा न था। आप यदि एकांत में बैठकर अपने विगत वर्षों के व्यवहार, विचार और व्यक्तित्व का निष्पक्ष अवलोकन-आलोचन करेंगे तो पाएंगे कि मूल रूप से आपके विचारों में पहले कभी भी ऐसा विचलन न था। न ही आपकी राजनीतिक आकांक्षाएं ऐसी थीं कि आप व्यक्तिगत स्तर पर आदर्श को भूल जाएं और अपना शाब्दिक संतुलन खो बैठें।”
सपा प्रमुख ने कहा, “आशा है इस बात को यहीं खत्म समझा जाएगा। एक जनसेवक होने के नाते हम सबके पास जनसेवा के लिए वैसे भी समय हमेशा कम रहता है, ऐसे में व्यर्थ के विषयों में न उलझकर हमें सकारात्मक राजनीति के उद्देश्यों पर अडिग रहकर आगे बढ़ते रहना चाहिए। शुभेच्छा!”