सरकार जब तक मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करती तब तक धरनास्थल नहीं छोड़ेंगे: जरांगे

राष्ट्रीय
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मुंबई, 12 सितंबर (ए) मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को कहा कि वह अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल वापस लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह धरनास्थल से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक कि राज्य सरकार मराठवाड़ा क्षेत्र से मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करना शुरू नहीं कर देती है।.

उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार को एक महीने का समय दे रहे हैं ताकि राज्य द्वारा नियुक्त समिति मराठा आरक्षण पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके।.मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर करीब 40 वर्षीय जरांगे मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सराती गांव में 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।

राज्य सरकार ने निजाम-युग के दस्तावेजों में कुनबी (अब ओबीसी का हिस्सा) कहे जाने वाले मराठा समुदाय के सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र देने के लिए कानूनी और प्रशासनिक ढांचे सहित मानक संचालन प्रक्रियाओं को निर्धारित करने के लिए न्यायाधीश संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इससे मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण प्राप्त करने की अनुमति मिल जाएगी।

मराठवाड़ा क्षेत्र में आठ जिले औरंगाबाद, बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और परभणी शामिल हैं।

जरांगे ने मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं राज्य सरकार को एक महीने का समय देने के लिए तैयार हूं ताकि समिति एक रिपोर्ट तैयार करे। मैंने राज्य सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट सकारात्मक हो या नकारात्मक, इसे मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।’

उन्होंने कहा, ‘मैं दो कदम पीछे हट रहा हूं ताकि मेरे समुदाय की बदनामी बंद हो। मैं अपना अनशन वापस लेने को तैयार हूं, लेकिन मैं यह जगह खाली नहीं करूंगा।’

मराठा आरक्षण विरोध का चेहरा बन चुके जरांगे ने कहा, ‘‘हमने राज्य सरकार को 40 साल दिए हैं, लेकिन उसने कभी भी हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया। यदि राज्य सरकार अपना वादा लागू नहीं करती है, तो वह औंधे मुंह गिर जाएगी।’’

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को जरांगे के नेतृत्व में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर मुंबई में आयोजित एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

शिंदे ने बाद में कहा कि बैठक में भाग लेने वाले सभी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर जरांगे से अपना अनशन वापस लेने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने जालना जिले में मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने तथा आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज में शामिल तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की भी घोषणा की।