सरकार ने 2027 में 16वीं जनगणना कराने के लिए कार्यक्रम की घोषणा की

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: चार जून (ए) भारत में जातिगत गणना के साथ 16वीं जनगणना 2027 में होगी, जिसमें लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि एक अक्टूबर, 2026 को होगी, जबकि बाकी देश में इस प्रक्रिया की संदर्भ तिथि एक मार्च, 2027 से होगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया, ‘‘जातिगत गणना के साथ-साथ जनगणना-2027 को दो चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।’’

मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया, ‘‘ जातिगत गणना के साथ-साथ जनगणना-2027 को दो चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।’’

इसमें कहा गया, ‘‘केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बर्फीले क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 2026 के पहले अक्टूबर की आधी रात बारह बजे होगी।’’

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार उपरोक्त संदर्भ तिथियों के साथ जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना संभवतः 16 जून 2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।’’

भारत की जनगणना, जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है।

भारत की पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी। पहला चरण एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच चला था जिसमें मकानों की गिनती की गई थी अज्ञैर दूसरा चरण नौ फरवरी से 28 फरवरी 2011 के बीच तक चला था जिसमें लोगों की गिनती की गई थी।

मंत्रालय ने बताया कि जनगणना 2021 को भी इसी तरह दो चरणों में आयोजित करने का प्रस्ताव था। पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान और दूसरा चरण फरवरी 2021 में आयोजित किया जाना था।

इसमें कहा गया कि 2021 में आयोजित की जाने वाली जनगणना के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो गई थीं और एक अप्रैल, 2020 से कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय कार्य शुरू होने वाला था। हालांकि, देश भर में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा।

सरकार ने हाल में फैसला किया था कि जनगणना के साथ-साथ जातिगत गणना भी की जाएगी।