सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के बाद आठ लोगों की मौत, 22 सैन्यकर्मी समेत 69 लोग लापता

राष्ट्रीय
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गंगटोक/नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (ए) उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद आठ लोगों की मौत हो गई और 22 सैन्यकर्मी समेत 69 लोग लापता हो गए। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि तीन लोग उत्तरी बंगाल में बह गए। अधिकारियों ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई। गंगटोक के उप जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने बताया, ‘‘गोलिटार और सिंगताम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए हैं।’’

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 22 सैन्यकर्मियों के अलावा, 47 नागरिक भी लापता हैं, जबकि एक सैन्यकर्मी समेत 166 लोगों को बचाया गया है। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, ‘‘बचाए गए सैनिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है।’’

अधिकारियों ने बताया कि बचाव कर्मियों ने सिंगताम के गोलिटार में तीस्ता नदी के बाढ़ क्षेत्र से एक बच्चे सहित कई शव निकाले।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की और राज्य में अचानक आयी बाढ़ से उपजे हालात की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया।

मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृति आपदा से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। चुनौतियों का सामना करने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं।’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना के लापता जवानों की सलामती के लिए प्रार्थना की। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सिक्किम में बादल फटने के बाद की स्थिति की समीक्षा की और पर्यटकों और सुरंग में फंसे लोगों को निकालने पर जोर दिया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए सिक्किम के मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को राज्य की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी दी।

विज्ञप्ति के मुताबिक केंद्रीय एजेंसियों और सिक्किम सरकार के राहत और बचाव उपायों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने कहा कि चुंगथांग बांध की सुरंग में फंसे लोगों और पर्यटकों को निकालने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

गौबा ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की अतिरिक्त टीम तैनात की जानी चाहिए और जल्द से जल्द सड़क, दूरसंचार और बिजली आपूर्ति बहाल की जानी चाहिए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि कैबिनेट सचिव ने सिक्किम सरकार को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां तैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।

केंद्रीय सचिव ने समिति को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम स्तर पर लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है और हर संभव मदद दी जा रही है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पहले ही तीन टीम तैनात कर दी हैं और अतिरिक्त टीम गुवाहाटी और पटना में तैयार हैं।

सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है।

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया। उन्होंने बताया, ‘‘सेना के 22 जवानों के लापता होने की सूचना है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं।’’

आए उफान के कारण गिर गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कई राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां सैकड़ों लोगों ने शरण ली है।

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने कहा कि ‘‘ल्होनक झील के कुछ हिस्सों पर बादल फटने से तीस्ता नदी घाटी पर झील में अचानक जलस्तर बढ़ गया’’, जिससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में कई प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा।

मुख्यमंत्री तमांग ने तीस्ता नदी घाटी में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सिंगताम का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने सिंगताम नगर पंचायत कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे स्थिति पर नजर रखने को कहा।

तमांग ने कहा, ‘‘इस चुनौतीपूर्ण वक्त में, मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से प्रभावित हुए सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करना चाहता हूं।’’

उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार जरूरतमंद लोगों को सभी आवश्यक सहायता और राहत उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हम स्थिति की गंभीरता को समझते हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा एवं कुशलता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे समर्पित दल इस आपदा से उत्पन्न चिंताओं और चुनौतियों से निपटने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।’’

पश्चिम बंगाल के सरकारी अधिकारियों ने बताया कि राज्य में पिछले कुछ दिनों हुई मूसलाधार बारिश के अलावा तीस्ता नदी में जल स्तर बढ़ने से कलिम्पोंग, दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों में कई स्थान प्रभावित हुए हैं, जहां प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।