गंगटोक, चार अक्टूबर (ए) उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे तीन लोगों की मौत हो गए और सेना के 23 जवान लापता हो गए।.
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अचानक बाढ़ आने और एक बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई।.
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) के एक अधिकरी ने कहा, ‘‘बचाव एवं राहत प्रयासों के दौरान सिंगताम से तीन शव बरामद किए गए हैं।’’
एसएसडीएमए ने एक समाचार विज्ञप्ति में बताया कि ‘‘ल्होनक झील के कुछ हिस्सों पर बादल फटने से बुधवार तड़के तीस्ता नदी बेसिन पर झील में अचानक जलस्तर बढ़ गया’’, जिससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में कई प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा।
शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र में कहा कि सिक्किम के चार जिलों में सभी स्कूल आठ अक्टूबर तक बंद रहेंगे।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि लाचेन घाटी के कई प्रतिष्ठान बाढ़ की चपेट में आए हैं।
चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि इससे सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन डूब गए।
उन्होंने बताया कि सेना के 23 जवानों के लापता होने की खबर है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं। तलाश एवं बचाव अभियान जारी है।
रक्षा अधिकारियों के अनुसार, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) बचाव अभियान चला रहा है और अभी तक 80 स्थानीय लोगों को बचा लिया गया है।
गंगटोक जिले में सिंगताम पर बना एक पुल बुधवार को तीस्ता नदी में बाढ़ आने के कारण पूरी तरह से बह गया। इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है। 120 मीटर लंबा यह संस्पेंशन पुल तीस्ता नदी पर बना एक महत्वपूर्ण मार्ग था।
सिक्किम सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सिंगताम शहर के सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और नदी तट पर बसे दिकचू गांव के निवासियों को सुरक्षित बाहर निकालकर एक नजदीकी स्कूल में पहुंचाया गया है।’’
उन्होंने बताया कि रात को जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे दिकचू गांव के पास एनएचपीसी की पनबिजली परियोजना पर असर पड़ा है।
मुख्यमंत्री पी एस तमांग ने तीस्ता नदी बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सिंगताम का दौरा किया।