सिद्धरमैया ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर निशाना साधा, कहा – एकसमान प्रणाली भारत के लिए ठीक नहीं

राष्ट्रीय
Spread the love

बेंगलुरु, सात जुलाई (ए) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह संघीय प्रणाली के अनुरूप नहीं है तथा इसमें कई विसंगतियां हैं जो संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करती हैं।.

उन्होंने विधानसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि कर्नाटक सरकार स्थानीय समाज, संस्कृति एवं राज्य के आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए एक नयी शिक्षा नीति बनाएगी।.

मुख्यमंत्री के पास वित्त विभाग भी है। उन्होंने कहा कि राज्य की नयी नीति उच्च शिक्षा मानकों को वैश्विक स्तर तक पहुंचाएगी और युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने तथा सार्थक रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाएगी।

सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शासन की संघीय प्रणाली के अनुरूप नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसमें कई विसंगतियां हैं जो संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करती हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एकसमान शिक्षा प्रणाली भारत जैसे राष्ट्र के लिए ठीक नहीं है जहां विविध धर्म, भाषाएं और संस्कृतियां हैं।’’

सिद्धरमैया ने फर्जी अंक प्रमाणपत्र के खतरे के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सरकार राज्य में उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए ‘एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स’ में पंजीकरण तथा ‘नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी/डिजिलॉकर’ से अपना अंक प्रमाण पत्र एवं शिक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटिश काउंसिल और रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंग्लिश जैसे संस्थानों के सहयोग से राज्य के सभी सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में संवादात्मक अंग्रेजी कक्षाएं शुरू की जाएंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्च शिक्षा प्राप्त करने में भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने और विश्वविद्यालय के छात्रों को कन्नड़ भाषा में परीक्षा देने में सक्षम बनाने के लिए हम व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली संदर्भ पुस्तकों और पाठ्यक्रम का कन्नड़ भाषा में अनुवाद कराएंगे।