सीबीआई ने राबड़ी से उनके आवास पर पूछताछ की, राजद और भाजपा ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया

पटना बिहार
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पटना, छह मार्च (ए) बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके पति लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने की अवधि के दौरान ‘नौकरी के बदले भूखंड’ मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम ने सोमवार को उनके आवास पर पूछताछ की।.

चार कार में सवार होकर पटना के दस सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर करीब 10.30 बजे पहुंची सीबीआई की टीम राबड़ी के आवास पर करीब पांच घंटे तक रही।.राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय ने बताया कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर कोई ‘‘तलाशी’’ या ‘‘छापेमारी’’ नहीं की गयी। इसमें कहा गया है कि हाल ही में राजद अध्यक्ष, उनकी पत्नी और परिवार के करीबी कुछ अन्य सदस्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जांच एजेंसी को केंद्र की मंजूरी मिली थी ।

राबड़ी के आवास पर छापेमारी की चर्चा से नाराज कई समर्थक विरोध दर्ज कराने के लिए उच्च सुरक्षा वाले इलाके में पहुंच गए और उनमें से कुछ ने गुस्से में अपने कपड़े उतार दिए और अगले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा के ‘‘सफाए’’ की कसम खाई।

राबडी के बडे पुत्र और बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव जो कुछ सौ मीटर की दूरी पर रहते हैं, एक साइकिल पर सवार होकर अपनी मां के घर पहुंचे।

सीबीआई के अधिकारियों के जाने के बाद जब राबड़ी अपने घर से बाहर निकलीं और उनकी कार बिहार विधान परिषद के लिए रवाना हो रही थी, तो अविचलित दिखीं और उन्होंने मुस्कुराते हुए आसपास खड़े लोगों की तरफ सिर हिलाया।

बिहार विधान परिषद की कार्यवाही में शामिल होने पहुंची राबड़ी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘शुरू से चलता रहता है, ऐसी कोई बात नहीं है’’।

लालू के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके छोटे पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि उनका परिवार केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का लगातार विरोध करता है और यही कारण है कि सीबीआई की टीम उनकी मां और प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची है।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद के पास तत्कालीन रेल मंत्री के रूप में रोजगार प्रदान करने की ‘‘कोई शक्ति नहीं’’ थी, जिन्हें ‘‘नौकरी के बदले भूखंड’’ के मामले में आरोपित किया गया है ।’’

बिहार विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान राजद नेता ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘मैंने कई बार कहा है कि सीबीआई को अपना कार्यालय मेरे आवास पर खोल देना चाहिए। यह एजेंसी के लिए सुविधाजनक होगा।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि यह सभी को पता है कि जांच एजेंसियां भाजपा के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ काम कर रही हैं, और उन लोगों की मदद कर रही हैं जो उस पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए सहमत हैं।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अजीत पवार और पश्चिम बंगाल में मुकुल रॉय के उदाहरण इस तथ्य की गवाही देते हैं कि देश में राजनीतिक हस्तियां भाजपा के खिलाफ उनके रुख के आधार पर केंद्रीय एजेंसियों के हमले का शिकार होती हैं या उन्हें राहत मिलती है ।

तेजस्वी ने हालांकि सीबीआई की नवीनतम कार्रवाई के ‘‘समय’’ के बारे में पूछे गए सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

राजद नेता ने बताया कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं के परिसरों पर उसी दिन छापेमारी की गई थी जिस दिन बिहार में महागठबंधन सरकार ने विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित किया था।


उल्लेखनीय है कि तेजस्वी अपनी मां के आवास पर ही रहते हैं, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास और राजभवन से कुछ ही दूरी पर स्थित है ।

बिहार विधानपरिषद में राजद सदस्य सुनील कुमार सिंह राबडी के घर में सीबीआई की उपस्थिति के दौरान अधितर समय उनके साथ ही थे। सिंह को लालू के रेल मंत्रित्व काल के दौरान रेलवे में नौकरी के बदले भूखंड मामले में एक अभियुक्त के रूप में नामित किया गया है ।

बाद में सुनील ने एजेंसी के खिलाफ यह आरोप लगाया, ‘‘इसकी विश्वसनीयता स्थानीय पुलिस से भी कम हो गयी है। करीब आठ से नौ लोग आए थे। मैं हैरान रह गया कि वे क्या हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने बस समय बर्बाद किया। मुझे आश्चर्य है कि क्या वे त्योहार से पहले होली मिलन के लिए आए थे’’।

जब उनसे राबडी के सीबीआई की टीम द्वारा की गयी पूछताछ के बारे में पूछा गया तो सुनील ने कहा, ‘‘बस याद रखें कि बिहारी शादियों में मझक्का नामक एक रस्म होती है। सीबीआई की हरकतों ने मुझे वही याद दिलाया। वे कुछ महीने पहले मेरे घर भी आए थे और उन्होंने अपना और मेरा समय बर्बाद किया था।’’

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि रेलवे में होने वाली अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई टीम के इस स्थान पर आने का क्या मतलब है। मेरे विचार से एकमात्र उद्देश्य लालू प्रसाद को अपमानित करना है जो कि भाजपा चाहती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह महज संयोग नहीं है कि सीबीआई की कार्रवाई महागठबंधन की रैली के ठीक बाद हुई है जहां नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में एकजुट विपक्ष का आह्वान किया गया था।’’

राज्य के भाजपा नेताओं ने हालांकि राजनीतिक प्रतिशोध के आरोपों को खारिज किया।

नितिन नवीन और जिबेश कुमार मिश्रा जैसे भाजपा नेताओं (दोनों पूर्व मंत्री) ने दावा किया कि लालू और उनके परिवार ने ‘‘जो बोया है वही काट रहे हैं’’।