स्कूल वीडियो मामला: विपक्षी दलों ने भाजपा पर साधा निशाना

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) विपक्षी दलों ने शनिवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की घटना के लिए भाजपा की ‘नफरत की राजनीति’ जिम्मेदार है, जहां एक शिक्षिका ने कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी की और छात्रों को एक मुस्लिम सहपाठी को गृहकार्य नहीं करने को लेकर थप्पड़ मारने के लिए कहा।.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उत्तर प्रदेश के स्कूल में जिस तरह एक अध्यापिका ने धार्मिक भेदभाव करके एक बच्चे को दूसरे बच्चे से पिटवाया, वो भाजपा-आरएसएस की नफरत भरी राजनीति का विचलित कर देने वाला परिणाम है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं हमारी वैश्विक छवि पर कालिख पोत देती हैं और यह संविधान के खिलाफ है।शुक्रवार को सामने आए वीडियो में दिखाया गया है कि शिक्षिका तृप्ता त्यागी एक निजी स्कूल के कक्षा दो के विद्यार्थियों को एक बच्चे को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कह रही हैं। इस घटना की कई राजनीतिक दलों ने निंदा की।

मुजफ्फरनगर पुलिस ने शनिवार को त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जबकि राज्य के शिक्षा विभाग ने स्कूल को नोटिस भी दिया।

खरगे ने इस घटना को ‘सत्तारूढ़ दल की विभाजनकारी सोच’ का परिणाम बताया और एक अन्य घटना का हवाला दिया, जिसमें रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान ने ‘धर्म के नाम पर’ चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

रेलवे सुरक्षा बल के जवान ने 31 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में सवार चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने सवाल किया कि शिक्षक के खिलाफ ‘‘505 और 506 जैसी कमजोर धाराओं के तहत’ मामला क्यों दर्ज किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में आरोप लगाया, ‘‘श्री मोदी और श्री शाह देशभर में स्थापित नफरत की फैक्टरी के प्रबंधक हैं।”

समाजवादी पार्टी (सपा) ने आरोप लगाया कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ‘नफरत की राजनीति’ है जिसके कारण ऐसी घटनाएं हुई हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक पोस्ट में शिक्षिका को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की और उसे ‘शिक्षक समाज पर कलंक’ बताया।

उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सपा प्रमुख का मुजफ्फरनगर के स्कूल की घटना को लेकर किया गया ट्वीट वोट की सतही राजनीति है और समाज में वैमनस्य पैदा करने का घृणित राजनीतिक एजेंडा है।’’

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हम सभी विद्यार्थी पहाड़ा याद न करने, गणित के सवाल सही हल न करने या लिखावट अच्छी न होने के कारण स्कूल में शिक्षकों द्वारा दंडित किए जाते रहे हैं। यह छात्रों में अनुशासन लाने और उनकी प्रतिभा निखारने की सहज प्रक्रिया रही है।’’

भाजापा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पर अन्य विद्यार्थियों से दंडित कराना गलत है। पुलिस प्रशासन ने घटना को संज्ञान में लिया है और संबंधित शिक्षिका के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सपा मुखिया द्वारा किया गया ट्वीट समाज में विद्वेष फैलाने और सरकार की छवि खराब करके वोट की असफल राजनीति करने का हिस्सा है।’’

राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पीड़ित के पिता इरशाद से बात की और उन्हें न्याय का आश्वासन दिया।

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मामले को लेकर सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति घृणा भाव ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। शिक्षक वो माली है, जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान रूपी खाद डालकर व्यक्तित्व ही नहीं, राष्ट्र भी गढ़ता है। इसलिए दूषित राजनीति से परे एक शिक्षक से उम्मीदें कहीं अधिक हैं। देश के भविष्य का सवाल है।’’

मुजफ्फरनगर पुलिस ने शनिवार को त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जबकि राज्य के शिक्षा विभाग ने स्कूल को नोटिस भी दिया।

खरगे ने इस घटना को ‘सत्तारूढ़ दल की विभाजनकारी सोच’ का परिणाम बताया और एक अन्य घटना का हवाला दिया, जिसमें रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान ने ‘धर्म के नाम पर’ चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

रेलवे सुरक्षा बल के जवान ने 31 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में सवार चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने सवाल किया कि शिक्षक के खिलाफ ‘‘505 और 506 जैसी कमजोर धाराओं के तहत’ मामला क्यों दर्ज किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में आरोप लगाया, ‘‘श्री मोदी और श्री शाह देशभर में स्थापित नफरत की फैक्टरी के प्रबंधक हैं।”

समाजवादी पार्टी (सपा) ने आरोप लगाया कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ‘नफरत की राजनीति’ है जिसके कारण ऐसी घटनाएं हुई हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक पोस्ट में शिक्षिका को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की और उसे ‘शिक्षक समाज पर कलंक’ बताया।

उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सपा प्रमुख का मुजफ्फरनगर के स्कूल की घटना को लेकर किया गया ट्वीट वोट की सतही राजनीति है और समाज में वैमनस्य पैदा करने का घृणित राजनीतिक एजेंडा है।’’

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हम सभी विद्यार्थी पहाड़ा याद न करने, गणित के सवाल सही हल न करने या लिखावट अच्छी न होने के कारण स्कूल में शिक्षकों द्वारा दंडित किए जाते रहे हैं। यह छात्रों में अनुशासन लाने और उनकी प्रतिभा निखारने की सहज प्रक्रिया रही है।’’

भाजापा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पर अन्य विद्यार्थियों से दंडित कराना गलत है। पुलिस प्रशासन ने घटना को संज्ञान में लिया है और संबंधित शिक्षिका के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सपा मुखिया द्वारा किया गया ट्वीट समाज में विद्वेष फैलाने और सरकार की छवि खराब करके वोट की असफल राजनीति करने का हिस्सा है।’’

राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पीड़ित के पिता इरशाद से बात की और उन्हें न्याय का आश्वासन दिया।

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मामले को लेकर सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति घृणा भाव ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। शिक्षक वो माली है, जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान रूपी खाद डालकर व्यक्तित्व ही नहीं, राष्ट्र भी गढ़ता है। इसलिए दूषित राजनीति से परे एक शिक्षक से उम्मीदें कहीं अधिक हैं। देश के भविष्य का सवाल है।’’