बीरभूम नरसंहार केस के आरोपी की सीबीआई हिरासत में मौत,मचा हडकंप

राष्ट्रीय
Spread the love

बीरभूम,12 दिसम्बर (ए)। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई नरसंहार केस के मुख्य आरोपी लालन शेख की सोमवार को सीबीआई की हिरासत में मौत हो गई है. लालन शेख को 3 दिसंबर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. तब से उससे हिरासत में पूछताछ की जा रही थी. बोगतुई केस की जांच कर रही सीबीआई ने अब तक 14 आरोपियों की गिरफ्तारी की है और कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की थी. बताते चलें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में इस साल 21 मार्च की रात टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी. उसके बाद टीएमसी नेता के समर्थकों ने बोगतुई में हमलावरों के घरों में आग लगा दी थी, जिससे 10 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. इस नरसंहार में टीएमसी नेता के सौतेले भाई लालन शेख को मुख्य आरोपी बनाया गया था. तब से वह फरार चल रहा था. इसी महीने उसकी गिरफ्तारी हुई. इस केस में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को जांच सौंपी गई थी. अब खबर है कि बीरभूम के बोगतुई कांड के मुख्य आरोपी लालन शेख की सीबीआई हिरासत में मौत हो गई है. कोर्ट से अनुमति के बाद सीबीआई उससे पूछताछ कर रही थी. लालन यहां रामपुरहाट स्थित सीबीआई के अस्थायी शिविर में था. 3 दिसंबर को सीबीआई ने उसे झारखंड के नूरोएतपुर से गिरफ्तार किया था. चार दिसंबर को उसे रामपुरहाट कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने छह दिन की सीबीआई हिरासत का आदेश दिया था. बाद में 10 दिसंबर को एक बार फिर लालन शेख को कोर्ट में पेश किया गया और तीन दिन की सीबीआई कस्टडी बढ़ा दी गई थी. इससे पहले बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हत्याकांड में मारे गए तृणमूल कांग्रेस नेता भादू शेख के सौतेले भाई को गिरफ्तार किया था. शेख का सौतेला भाई नरसंहार के बाद से फरार था. उसको सीबीआई के अधिकारियों ने मंगलवार शाम पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा के पास उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया था. अधिकारी ने बताया था कि हम लालन शेख की लंबे समय से तलाश कर रहे थे. हमारे पास हत्याओं में उसके शामिल होने के सबूत हैं. नरसंहार में कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई ने अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस केस में सीबीआई 8 आरोपियों के खिलाफ स्थानीय कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर चुकी है. इससे पहले सीबीआई ने 20 जुलाई को 16 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. जिन 8 आरोपियों का नाम प्राथमिकी में नहीं था, उन्हें 22 अगस्त को गिरफ्तार किया गया।