शीर्ष न्यायालय ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 24 नवंबर (ए) उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयुक्त के तौर पर अरुण गोयल की नियुक्ति के लिए अपनायी प्रक्रिया पर बृहस्पतिवार को सवाल उठाया और कहा कि उनकी फाइल को ‘‘जल्दबाजी’’ में मंजूरी दी गयी।.

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल को ‘‘बहुत तेजी से’’ पारित कर दिया गया। वहीं, केंद्र ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी के जरिए अदालत से ‘‘थोड़ा रुकने’’ के लिए कहा तथा मामले पर विस्तारपूर्वक गौर करने का अनुरोध किया।.अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने जोर देकर कहा, अदालत को बड़े मुद्दे पर गौर करना चाहिए। लेकिन पीठ ने कहा, वह नियुक्ति से जुड़ी फाइल देखना चाहती है। दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि संविधान पीठ ने पिछले हफ्ते बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू की थी। इसके बाद आनन-फानन अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया।सुनवाई के दौरान पीठ ने नियुक्ति के तरीके पर सवाल खड़े कर दिए. जस्टिस अजय रस्तोगी ने इतनी तेज रफ्तार से फाइल आगे बढ़ने और नियुक्ति करने पर सवाल पूछा. उन्होंने पूछा कि चौबीस घंटे के भीतर कैसे जांच पड़ताल कर दी गई? 

जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि 15 मई को पद खाली हुआ. क्या आप हमें बता सकते हैं कि सरकार इस पर नियुक्ति के लिए जल्दबाजी क्यों की? उसी दिन क्लीयरेंस, उसी दिन नोटिफिकेशन, उसी दिन एक्सेप्टेंस. फाइल 24 घंटे भी नहीं घूमी. यह तो प्रकाश गति से चली है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वो सभी बातों का जवाब देंगे, लेकिन अदालत उनको बोलने का मौका दें तो।जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि कभी-कभी तेजी से आगे बढ़ना संभव होता है लेकिन सवाल यह है कि 15 मई से यह वैकेंसी थी तो जब मामला विचाराधीन है तो नियुक्त करने मे इतनी जल्दी क्यों की गई? उन्होंने एजी से कहा कि आप पैनल के होने को सही ठहरा सकते हैं लेकिन कानून और न्याय मंत्री के नोट के संदर्भ में हम इस चयन का आधार जानना चाहते हैं. उन्होंने… कहा कि यह प्रतिकूल नहीं है. हम जानना चाहते हैं कि क्या व्यवस्था कायम है और प्रक्रिया ठीक काम कर रही है, डेटाबेस सार्वजनिक डोमेन में है और कोई भी इसे देख सकता है …