मानव बलि की रस्म के लिए नाबालिग का सिर काटा; तीन गिरफ्तार

राष्ट्रीय
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सिलवासा, 11 जनवरी (ए) दादरा और नगर हवेली में नौ साल के एक लड़के का अपहरण कर लिया गया और धन प्राप्ति के लिए “मानव बलि” की रस्म के तहत उसका सिर काट दिया गया तथा बाद में उसके शरीर के टुकड़े कर दिए गए। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।.

उन्होंने कहा कि इस मामले की तह तक जाने के लिए 100 पुलिसकर्मी लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य गुजरात में वलसाड जिले के वापी में एक नहर के पास सिर कटा शव मिलने के बाद पिछले हफ्ते पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था और एक किशोर लड़के को हिरासत में लिया था।.

पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के दादरा और नगर हवेली (डीएनएच) जिले के सायली गांव से नौ वर्षीय बच्चा 29 दिसंबर को लापता हो गया था, जिसके बाद 30 दिसंबर को सिलवासा पुलिस थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने कहा कि लड़के का पता लगाने के लिए कई दलों को लगाया गया था। लेकिन डीएनएच जिले के मुख्यालय सिलवासा से लगभग 30 किमी दूर स्थित वापी में उसके ‘हुलिए’ से मेल खाता एक सिर कटा शव मिला था।

एक अधिकारी ने कहा कि जहां शव वापी में एक नहर के पास मिला था, वहीं शरीर के कुछ हिस्से सायली गांव में मिले थे, जहां मानव बलि की रस्म की गई थी। उन्होंने कहा कि शरीर के अंगों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

पुलिस ने कहा, “जांच ने पुलिस को एक किशोर तक पहुंचाया। उसने खुलासा किया कि उसने 29 दिसंबर, 2022 को सायली गांव से पीड़ित का अपहरण किया था और अपने साथी की मदद से मानव बलि के रूप में उसकी हत्या कर दी थी।”

उन्होंने कहा कि इसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए किशोर से पूछताछ से पुलिस को अपराध में इस्तेमाल हथियार बरामद करने में मदद मिली। पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए लड़के ने खुलासा किया कि उसके दोस्त शैलेश कोहकेरा (28) ने पीड़ित की हत्या में उसकी मदद की थी।

विज्ञप्ति में कहा है, “उसने बताया कि रमेश सांवर भी साजिश का हिस्सा था। सांवर ने आर्थिक फायदे के लालच में किशोर और शैलेश कोहकेरा को मानव बलि रस्म के लिए बरगलाया था।”

इसके बाद, कोहकेरा और सांवर का पता लगाया गया और तीन जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने कहा कि किशोर सायली गांव में एक चिकन की दुकान में कसाई का काम करता था। वह गुजरात में तापी जिले के कपराडा तालुका के करजान गांव का मूल निवासी है।

उसे सूरत के निगरानी गृह में भेज दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है।