बीजेपी उम्मीदवार की कार में ईवीएम मिलने का मामला, चुनाव आयोग ने सस्पेंड किए 4 अधिकारी

राष्ट्रीय
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गुवाहाटी,02 अप्रैल (ए)। असम में दूसरे चरण के मतदान के बाद बीजेपी उम्मीदवार की कार में ईवीएम ले जाने का आरोप लगने पर चुनाव आयोग ने 4 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव आयोग ने कहा है कि जांच में सभी ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित पाई गई हैं। उनकी सील नहीं टूटी है। आयोग ने बताया कि ईवीएम समेत बीयू, सीयू और वीवीपैट को स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित जमा कर दिया गया था। हालांकि इसके बाद भी एहतियात के तौर पर रताबारी विधानसभा सीट के पोलिंग स्टेशन इंदिरा एम.वी. स्कूल के पोलिंग बूथ नंबर 149 पर दोबारा मतदान कराने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा विशेष पर्यवेक्षक से पूरे मामले में रिपोर्ट भी मांगी गई है। गौरतलब है कि असम के करीमगंज जिले में एक कार से ईवीएम बरामद किए जाने से माहौल तनावपूर्ण हो गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कार का वीडियो ट्वीट किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस बोलेरो गाड़ी से ईवीएम मिले वह पाथरकांडी विधानसभा सीट के बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पाल की है। खास बात है कि कार के साथ न तो चुनाव आयोग का कोई अधिकारी था, ना ही कार के भीतर कोई सुरक्षा थी इस मामले में चुनाव आयोग ने चार मतदान अफसरों को निलंबित कर दिया है साथ ही एफआईआर लिखने का आदेश दिया गया है। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है। चुनाव आयोग को डीएम से मिली शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, पोलिंग पार्टी की गाड़ी बीच रास्ते में खराब हो गई थी, इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने रास्ते से गुजर रही एक गाड़ी को जिला मुख्यालय पहुंचाने का आग्रह किया, गाड़ी उनको ला रही थी, पोलिंग पार्टी को शुरुआत में जानकारी नहीं थी कि जिस गाड़ी में वह लिफ्ट ले रहे हैं, वह बीजेपी विधायक और मौजूदा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार की गाड़ी है, बीजेपी विधायक कृष्णेंदु पाल की पत्नी के नाम पर गाड़ी दर्ज है। लिफ्ट लेकर जब बीजेपी प्रत्याशी की गाड़ी से पोलिंग पार्टी लौट रही थी तभी स्थानीय लोगों ने इनको देख लिया और गाड़ी रोक दी, पोलिंग पार्टी के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने गाड़ी से निकाल दिया और भीड़ हिंसात्मक भी होने लगी, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ईवीएम सही सलामत है, उसका सील भी नहीं टूटा है, यह वोटिंग में इस्तेमाल हुई थी। चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी से दूसरी और विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।