राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एक नए कालक्रम का उद्गम: प्रधानमंत्री मोदी

अयोध्या उत्तर प्रदेश
Spread the love

अयोध्या: 22 जनवरी (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को एक नए युग के आगमन का प्रतीक करार दिया और लोगों से अगले 1,000 वर्षों के मजबूत, भव्य और दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान किया।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद ‘सियावर रामचंद्र की जय’ और ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवसर केवल जीत का नहीं बल्कि विनम्रता का है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर समृद्ध और विकसित भारत के उदय का गवाह बनेगा।

प्रधानमंत्री ने संतों, नेताओं, उद्योगपतियों, फिल्मी सितारों, कवियों, साहित्यकारों और खिलाड़ियों की एक चुनिंदा सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले 1,000 साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हम सभी देशवासी इस पल से समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं।’’

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद को लेकर चले मुकदमे पर 2019 में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से संभव हुए भव्य राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया।

वास्तुकला की पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर, लंबाई में 380 फुट (पूर्व-पश्चिम), चौड़ाई में 250 फुट और ऊंचाई में 161 फुट आकार का है। यह 392 स्तंभों पर टिका है और इसमें 44 दरवाजे हैं।

प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों से कहा कि वह अभी भी गर्भगृह के भीतर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान अनुभव किए गए दिव्य स्पंदनों को महसूस कर सकते हैं।

मोदी ने अपने 36 मिनट के भाषण में कहा, ‘‘22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और यह कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी।’’

उन्होंने इस क्षण को आलौकिक और पवित्रतम बताते हुए कहा, ‘‘आज मैं प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं, हमारे पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई होगी, हमारी तपस्या में कुछ कमी रही होगी कि हम इतने सदियों तक मंदिर निर्माण नहीं कर पाए… आज वह कमी पूरी हुई।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था और निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है। आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। पूरा देश आज दीवाली मना रहा है। आज शाम घर-घर रामज्योति प्रज्ज्वलित करने की तैयारी है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘यह राम का परम आशीर्वाद है कि हम इसके साक्षी बन रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि लंबी प्रतीक्षा, धैर्य और सदियों के बलिदान के बाद हमारे राम आज आए हैं।

मोदी ने कहा कि भगवान राम देश के संविधान की पहली प्रति में निवास करते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्य​क्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु श्रीराम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से बना।’’

उन्होंने कहा कि ये मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है बल्कि राममंदिर भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है।

उन्होंने कहा, ‘‘ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। आज अयोध्या में केवल श्रीराम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है। ये श्रीराम के रूप में साक्षात भारतीय संस्कृति के प्रति अटूट विश्वास की भी प्राण प्रतिष्ठा है। ये साक्षात मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की भी प्राण प्रतिष्ठा है।’’

प्रधानमंत्री ने उस समय को भी याद किया जब ‘कुछ लोग’ कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी और कहा कि ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए।

उन्होंने कहा, ‘‘रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। ये निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है।’’

उन्होंने आशंका पैदा करने वालों से कहा कि उन्हें अपनी सोच पर पुनर्विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘राम आग नहीं है, राम ऊर्जा है। राम विवाद नहीं, राम समाधान है। राम सिर्फ हमारे नहीं, राम तो सबके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा… भारत के उत्कर्ष का, भारत के उदय का। ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भव्य भारत के अभ्युदय का, विकसित भारत का।’’

श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

इस समारोह में कई प्रमुख आध्‍यात्मिक और धार्मिक पंथों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

इससे पहले, सुनहरी रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया।

प्रधानमंत्री इस दौरान अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का छत्र भी लेकर आए ।

गर्भगृह में मोदी ने पंडितों के मंत्रोच्चारण के बीच अनुष्ठान शुरू किया। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए ‘संकल्प’ लिया।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मध्यान्ह में साढ़े बारह बजे (12 बजकर 29 मिनट) रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गयी।

मोदी ने श्रीराम जन्‍मभूमि मंदिर के निर्माण से जुड़े श्रमजीवियों से बातचीत की। वे कुबेर टीला भी गए जहां भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का पुनरूद्धार किया गया है। उन्होंने इस मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।

कार्यक्रम आरंभ होने से पहले प्रधानमंत्री ने इसका वीडियो लिंक साझा करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अयोध्या धाम में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण हर किसी को भाव-विभोर करने वाला है। इस दिव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरा परम सौभाग्य है। जय सियाराम!’’

प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज के हाथों से चरणामृत ग्रहण कर मोदी ने 11 दिनों का उपवास पूरा किया। उन्होंने मंदिर निर्माण में अपना योगदान देने वाले श्रमिकों पर पुष्पवर्षा भी की।