अदालत ने महिला निशानेबाज के खिलाफ सीमाशुल्क मामला रद्द किया, कहा-पिता की गलती की सजा नहीं दी जा सकती

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 19 अगस्त (ए) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय स्तर की उस 28 वर्षीय महिला निशानेबाज के खिलाफ सीमा शुल्क कानून के तहत दर्ज आपराधिक शिकायत को खारिज कर दिया है, जिसके पिता को आग्नेयास्त्रों के कथित आयात में उसके लाइसेंस का उपयोग करते हुए पाया गया था। अदालत ने कहा कि महिला निशानेबाज को उसके पिता की कथित गलती के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए।.

उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया सीमा शुल्क अधिनियम के प्रावधानों के तहत याचिकाकर्ता दिशा लैंगन के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता क्योंकि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप उस अपराध के आवश्यक तत्वों का खुलासा नहीं करते हैं जिसके लिए आरोप लगाया गया है और इस बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि उन्हें अपने पिता द्वारा किए गए कथित अपराधों की जानकारी थी।.

का बयान बहुत प्रशंसनीय है और अदालत की राय में, उसने खुद कभी भी हथियारों के आयात का आदेश नहीं दिया और उसके पिता, जो खुद एक प्रसिद्ध निशानेबाज हैं, उसके लिए हथियार खरीदने के लिए जिम्मेदार थे और वह उनके द्वारा किए गए कथित अपराधों से अनजान थी।

इसने कहा कि याचिकाकर्ता को उसके पिता द्वारा किए गए कथित अपराधों के लिए दंडित नहीं किया जा सकता क्योंकि आपराधिक कानून के तहत प्रतिवर्ती दायित्व की कोई अवधारणा नहीं है।

अदालत ने स्पष्ट किया कि आपराधिक शिकायत में नामित शेष आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कानून के अनुसार जारी रहेगी।