नयी दिल्ली, चार जुलाई (ए) दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग पहलवान के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने के लिये पुलिस की ओर से दाखिल की गई रिपोर्ट पर ‘‘पीड़िता’’ और शिकायतकर्ता से मंगलवार को जवाब मांगा। अभियोजन पक्ष के वकील ने यह जानकारी दी।.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता/शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया और उन्हें पुलिस की रिपोर्ट पर एक अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।.अदालत द्वारा एक अगस्त को मामले में अगली सुनवाई की जाएगी।
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए 15 जून को अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल की थी। लेकिन इसमें छह महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोप लगाए थे।
पॉक्सो के तहत न्यूनतम तीन साल जेल की सजा का प्रावधान है, जो इस पर निर्भर करता है कि किस तरह का अपराध हुआ है।
पुलिस ने ‘कोई पुष्ट साक्ष्य नहीं है’ का हवाला देते हुए सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान द्वारा दायर शिकायत को रद्द करने की सिफारिश की थी।
दिल्ली पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि पुलिस ने शिकायतकर्ता (नाबालिग के पिता) और खुद लड़की के बयानों के आधार पर एक रिपोर्ट पेश की है।
अदालत इस पर निर्णय ले सकती है कि पुलिस की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार किया जाए या आगे की जांच का निर्देश दिया जाए।
सरकार ने पहले ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और ओलंपियन विनेश फोगाट सहित आंदोलनकारी पहलवानों को आश्वासन दिया था कि 15 जून तक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।
वे नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों का उत्पीड़न करने के आरोप को लेकर सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। लेकिन भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।