धनंजय सिंह की मुश्किलें बढ़ी, लखनऊ में मारे गए अजीत सिंह की पत्नी रानू पहुंचीं निर्वाचन आयोग

उत्तर प्रदेश जौनपुर
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जौनपुर, 18 फरवरी (ए)। यूपी के जौनपुर जिले की मल्हनी सीट से जदयू के टिकट पर मैदान में उतरे पूर्व सांसद धनंजय सिंह की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। राजधानी लखनऊ में मारे गए अजीत सिंह की पत्नी रानू सिंह ने धनंजय सिंह पर गलत जानकारी देकर नामांकन दाखिल करने का आरोप लगाते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजा है। रानू सिंह का दावा है कि धनंजय सिंह अब भी 25 हजार के इनामी और फरार घोषित अपराधी हैं। बताया जाता है कि मऊ की मोहम्मदाबाद से ब्लाक प्रमुख रानू सिंह ने जौनपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी को हलफनामे के साथ भेजे पत्र में लिखा है कि मेरे पति अजीत सिंह की हत्या में धनंजय सिंह लखनऊ के विभूति खंड थाने में धारा 302, 307, 120बी समेत तमाम धाराओं में वांछित हैं। इनके खिलाफ लखनऊ की कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसमें धारा 82 की कार्रवाई भी हो चुकी है।
रानू सिंह ने कहा कि धनंजय 25 हजार के इनामी भी हैं। इन सभी मामलों में धनंजय ने लखनऊ की स्पेशल जज सीबीआई-3 के यहां एंटीसेपटरी बेल के लिए अर्जी भी दाखिल की है। इसकी सुनवाई 18 फरवरी को तय है। इस मामले में धनंजय के पक्ष में किसी भी कोर्ट ने अभी तक जमानत या स्टे आदेश नहीं दिया है। 
रानू ने पत्र में लिखा है कि जो अभी तक भगोड़ा घोषित है, उसे कानूनन और संवैधानिक रूप से चुनाव लड़ने का हक नहीं है। धनंजय ने अपने शपथपत्र में झूठी जानकारियां दी हैं। उनका नामांकन रद किया जाए और उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए।
रानू सिंह के प्रतिनिधि मोहर सिंह ने बताया कि धनंजय के नामांकन के बारे में पता चलते ही उनके खिलाफ पत्र जौनपुर के निर्वाचन अधिकारी को दिया गया था। वहां से कहा गया कि हलफनामे के साथ दिया जाए। इसके बाद हलफनामा बनाकर पत्र को मेल से भेजा गया है।
वहीं इस बारे में जौनपुर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि आरओ के पास कोई महिला लेटर लेकर आई थी। उससे हलफनामे के साथ लेटर मांगा गया है। तीन बजे तक का समय दिया गया है। धनंजय का नामांकन रद होगा? इस सवाल पर डीएम ने कहा कि फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है। धनंजय के बारे में पूरी रिपोर्ट बनाकर आयोग को भेजी जा रही है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछले दिनों धनंजय सिंह का क्रिकेट खेलते वीडियो शेयर करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा था। उनका इशारा इसी बात पर था का भगोड़ा घोषित अपराधी खुलेआम क्रिकेट खेल रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही है।