नयी दिल्ली: तीन जुलाई (ए

सूत्रों ने बताया कि जैन (60) पूर्वाह्न करीब 11:15 बजे संघीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे और धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया जा रहा है।यह जांच डीजेबी द्वारा कुछ सीवेज शोधन संयंत्र के विस्तार में भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है। ईडी ने पिछले साल जुलाई में इस मामले में छापेमारी की थी।
धनशोधन की जांच दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा ‘यूरोटेक एनवायरनमेंटल प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उपजी है। जिसमें पप्पनकला, निलोठी, नजफगढ़, केशोपुर, कोरोनेशन पिलर, नरेला, रोहिणी और कोंडली में 10 सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) के विस्तार और उन्नयन के नाम पर दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगाया गया है।
अक्टूबर 2022 में 1,943 करोड़ रुपये मूल्य की ये चार निविदाएं विभिन्न संयुक्त उद्यम (जेवी) संस्थाओं को दी गईं।
ईडी के अनुसार एसीबी की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि चार निविदाओं में केवल तीन जेवी कंपनियों ने भाग लिया था।
ईडी के अनुसार निविदा दस्तावेजों के सत्यापन से पता चलता है कि चार निविदाओं की प्रारंभिक लागत लगभग 1,546 करोड़ रुपये थी, जिसे उचित प्रक्रिया/परियोजना रिपोर्ट का पालन किए बिना संशोधित कर 1,943 करोड़ रुपये कर दिया गया।