भारत में कोरोना वैक्सीन से हुई पहली मौत, केंद्र सरकार ने की पुष्टि

राष्ट्रीय
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नईदिल्ली,15 जून (ए)। भारत में कोरोना वैक्सीन की वजह से एक 68 साल के व्यक्ति की मौत की पुष्टि की गई है। भारत सरकार के द्वारा गठित पैनल ने इसकी पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक, 68 साल के व्यक्ति को 8 मार्च, 2021 को वैक्सीन की डोज़ दी गई थी, जिसकी बाद में मौत हो गई। वैक्सीन लगने के बाद कोई गंभीर बीमारी होने या मौत होने को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है। AEFI के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों का असेसमेंट करने के बाद कन्फर्म किया कि एक बुजुर्ग जिसकी उम्र 68 साल थी, उसकी मौत वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सीस से हुई। ये एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन होता है। कमिटी की ओर से वैक्सीन लेने के बाद जिन केसों की जांच की थी, उनमें से 5 लोगों ने 5 फरवरी को वैक्सीन ली थी। इसके अलावा 8 लोगों ने 9 मार्च को टीका लगवाया था और 18 लोग ऐसे थे, जिन्होंने 31 मार्च को कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। अरोड़ा ने कहा, ‘वैक्सीन लेने के बाद एनाफिलाक्सिस के चलते मौत का यह पहला मामला है, जो जांच के बाद दर्ज किया गया है।’ इससे पहले तीन लोगों की कोरोना टीका लगने के चलते मौत की बात कही गई थी, लेकिन सरकारी पैनल ने सिर्फ एक मामले की ही पुष्टि की है। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 68 वर्षीय शख्स की मौत 8 मार्च, 2021 को हुई थी।वैक्सीन लेने वाले शख्स को टीके के बाद एनाफिलाक्सिस नाम की एलर्जी हो गई थी, इसके चलते ही उसकी मौत हुई। इसके अलावा दो अन्य मामलों की कमिटी ने जांच की थी, जिसे लेकर उसने कहा कि वे लोग भी एलर्जी के शिकार हुए थे, लेकिन अस्पताल में एडमिट कराए जाने के बाद रिकवर हो गए थे। इन दोनों लोगों को 16 और 19 जनवरी को वैक्सीन दी गई थी। उन दोनों की उम्र 20 से 30 साल के बीच थी।कमिटी की ओर से कुल 31 मामलों पर स्टडी की गई, जिनमें से 28 की मौत हो गई थी। दावा किया जा रहा था कि लोगों की वैक्सीन लेने के बाद ही मौत हुई है। लेकिन कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ कहा है कि इन 28 मौतों में से महज 1 मृत्यु वैक्सीनेशन की वजह से हुई है। तीन लोगों को एनाफिलाक्सिस (वैक्सीन प्रॉडक्ट रिलेटिड रिएक्शन) की शिकायत आई थी। भले ही कमिटी ने वैक्सीन के चलते एक मौत की बात स्वीकार की है, लेकिन अपनी रिपोर्ट में साफतौर पर कहा कि टीके का फायदे कहीं ज्यादा हैं।