13 वर्ष पुराने मामले में पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी समेत चार साक्ष्य के अभाव में बरी

उत्तर प्रदेश बलिया
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बलिया (उप्र) दो जून (ए) बलिया की एक अदालत ने 13 वर्ष पुराने एक मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत चार आरोपियों को शुक्रवार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष ने यह जानकारी दी।.

अभियोजन पक्ष के अनुसार सांसद-विधायक अदालत की विशेष न्यायाधीश तपस्या त्रिपाठी ने शुक्रवार को दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत चार आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। तिवारी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पिछली सरकार (2017-2022) में खेलकूद राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) थे।.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक जिले के फेफना थाना के प्रभारी टीपी सिंह ने पांच अगस्त 2010 को उपेंद्र तिवारी, देवेंद्र यादव (भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष), टाउन डिग्री कॉलेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष पृथ्वीनाथ राय उर्फ मृत्युंजय राय एवं श्री प्रकाश पांडेय उर्फ धनन पांडेय के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं 143 ( जानबूझकर किसी गैर कानूनी सभा में शामिल होना एवं समाज की शांति भंग करना) , 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) एवं 186 (लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में स्वेच्छा से बाधा डालना) में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

पुलिस ने मामले की विवेचना पूरी कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

भाजपा से फेफना क्षेत्र से दो बार 2012 एवं 2017 में विधायक रह चुके उपेंद्र तिवारी ने फेफना तिराहे पर आरोप था कि उन्‍होंने पांच अगस्त 2010 को विभिन्न मांगों को लेकर भीड़ इकट्ठा कर विधि विरुद्ध तरीके से राष्ट्रीय राजमार्ग को करीब चार घंटे तक अवरुद्ध किया था।