हाईकोर्ट का निर्वाचन आयोग को निर्देश, 30 अप्रैल तक कराएं पंचायत चुनाव

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 04 फरवरी (ए)। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि प्रदेश में 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव को सम्पन्न करा लें। जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस आरआर आग्रवाल की डिवीजन बेंच ने यह निर्देश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को विनोद उपाध्याय की याचिका पर प्रदेश में पंचायत चुनाव की समय सीमा निर्धारित कर दी है। कोर्ट ने 30 अप्रैल तक प्रधानी के चुनाव कराने का निर्देश देने के साथ ही मई में ब्लाक प्रमुख के चुनाव कराने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के साथ राज्य निर्वाचन आयोग तथा उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पंचायत चुनाव के लिए 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा करने के निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रधान, जिला पंचायत सदस्यों और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव की तिथियों को भी निर्धारित कर दिया है। कोर्ट ने इसके साथ ही निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल तक ग्राम प्रधान, 15 मई तक जिला पंचायत सदस्य और 15 मई तक ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव कराएं। 
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते राज्य निर्वाचन आयोग के रुख से काफी नाराज हुआ और चुनाव कराने की तिथियों का ऐलान करते हुए सख्त आदेश दिया। विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। चुनाव आयोग के कार्यक्रम पेश करने के बाद आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। 
चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में जो कार्यक्रम पेश किया था, उसमें चुनाव मई तक होने की बात सामने आई। इस पर हाईकोर्ट ने साफ कहा कि पंचायत चुनाव मई में कराने का प्रस्ताव प्रथम दृष्टया स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि नियमानुसार 13 जनवरी 2021 तक चुनाव पूरे करा लिए जाने थे। हाईकोर्ट ने कार्यक्रम को संवैधानिक उपबंधों के विपरीत मानते हुए अस्वीकार कर दिया।