इंसानियत हुई तार-तार: मां की लाश के पास दो दिनों तक बैठा रोता रहा 18 महीने का मासूम, कोरोना के डर से किसी ने नहीं लगाया हाथ,फिर—

राष्ट्रीय
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मुंबई, 01मई (ए)। महाराष्ट्र के पुणे से इंसानियत को शर्मसार कर दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है। जिसमें 18 महीने का बच्चा अपनी मां की लाश के पास 2 दिनों से भूखा बैठा रोता रहा लेकिन किसी ने उसे हाथ तक नहीं लगाया। लोगों को डर था कि उसकी मां की मौत कोरोना के कारण हुई है। मामले की जानकारी जब पुलिस को हुई तो वह मौके पर पहुंची और पुलिस के दो कांस्टेबल्स ने मिलकर बच्चे को दूध पिलाया। बच्चे की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। दो दिनों से पड़ी लाश में बदबू आने के बाद मकान मालिक ने पुलिस को फोन कर इस पूरे मामले की सूचना दी। सोमवार को, पुलिस घर में घुस गई और महिला का शव और उसके बगल में बच्चे को बैठे पाया। पुलिस को शक था कि महिला की मौत शनिवार को हुई है कि 18 महीने का यह बच्चा भूखा-प्यासा दो दिनों तक अपनी मां की लाश के पास बैठा रहा।
पड़ोसियों ने बच्चे को नहीं छुआ, लेकिन पुलिस कांस्टेबल सुशीला गाभले और रेखा वेज ने उसे उठा लिया और उसे खाना खिलाया। सुशीला गाभले ने कहा, “मेरे भी दो बच्चे हैं, एक आठ साल का और एक छह।यह मुझे मेरे बच्चे की तरह ही महसूस हुआ। उसे बहुत भूख थी इसलिए जल्दी दूध पी लिया।”
उनके सहयोगी रेखा ने कहा कि बुखार के अलावा, बच्चा एकदम ठीक था। उन्होंने कहा, “बच्चे को थोड़ा बुखार था जब हमने उसे डॉक्टर को दिखाया। तो डॉक्टर ने हमें कहा कि उसे अच्छे से खिलाओ। बाकी सब ठीक है। बच्चे को पानी के साथ बिस्किट खिलाने के बाद, हम बच्चे को कोरोना टेस्ट के लिए सरकारी अस्पताल ले गए।” 
बच्चे का कोविड परीक्षण नकारात्मक निकला और उसे सरकारी क्रेच में स्थानांतरित कर दिया गया।
पुलिस निरीक्षक (अपराध) प्रकाश जाधव ने कहा, “महिला का पति कथित तौर पर काम के लिए उत्तर प्रदेश गया था। हम उसके लौटने का इंतजार कर रहे हैं।”