अंतरिक्ष में आत्मनिर्भर बनेगा भारत; गगनयान भेजेगा और अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा: मोदी

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 15 अगस्त (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है और अपने स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तैयारी कर रहा है।

उन्होंने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश को हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र पर गर्व है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आ गए हैं… आने वाले दिनों में वह भारत लौट आएंगे।’’प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है और गगनयान के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है।

गगनयान भारत का पहला स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस पर काम कर रहा है और इसे 2027 में प्रक्षेपित किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाएंगे।’’

भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 में और पूर्ण रूपेण भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 2035 तक शुरू करने की योजना है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में लाए गए सुधारों ने 300 से अधिक स्टार्ट-अप को सक्षम बनाया है जो अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हजारों युवा इस पर काम कर रहे हैं। यह हमारे युवाओं की शक्ति है… यह हमारे युवाओं में हमारा विश्वास है।’’

शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन रहे और 15 जुलाई को वापस लौटे। इस दौरान उन्होंने कई प्रयोग भी किए।

भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन और लखनऊ के मूल निवासी शुक्ला, राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय हैं।

भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय अधिकारी और टेस्ट पायलट शुक्ला ने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसे इसरो और नासा का समर्थन प्राप्त था तथा इसे एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित किया गया।