अयोध्या में पुष्पक विमान से पहुंचे प्रतीकात्‍मक भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण

अयोध्या उत्तर प्रदेश
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अयोध्या (उप्र) 11 नवंबर (ए) प्रतीकात्मक भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष के वनवास के बाद पुष्पक विमान से शनिवार को अयोध्या पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने उनका स्वागत किया, और हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यहां दीपोत्सव के अवसर पर राम कथा पार्क में भगवान राम, माता जानकी और लक्ष्मण के वंदन-अभिनंदन तथा प्रतीकात्मक राज्याभिषेक कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या का दीपोत्सव, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार कर रहा है।.

मुख्यमंत्री ने दीपावली की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘हम सब सौभाग्यशाली हैं कि यहां दीपोत्सव के साक्षी बन रहे हैं। इस दीपोत्सव का दुनिया के 100 से अधिक देशों में सीधा प्रसारण हो रहा है। दुनिया देख रही है कि कैसे भगवान राम हजारों साल पहले पुष्पक विमान से अयोध्या आए होंगे और किस तरह से देवताओं ने आकाश से पुष्प वर्षा की होगी।’.

योगी ने कहा,’हमने सात साल पहले जब इस कार्यक्रम को शुरू किया था, तब असमंजस की स्थिति थी। उस वक्त पूज्य संतों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यहां जिस कार्यक्रम को शुरू किया गया, वह आज प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार कर रहा है। हम सब नयी अयोध्या को बनते हुए देख रहे हैं।’.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम के ‘रामराज्य’ की परिकल्पना को पूरा करने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी ने बीते साढ़े नौ वर्षों के दौरान कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि दैवीय आपदा आई हो या आतंकवाद की समस्या रही हो, भय को खत्म करते हुए गरीबों के कल्याण के लिए काम किये गए हैं।.

उन्होंने कहा,’अयोध्या भगवान राम की प्रिय नगरी है और इसे दुनिया की सबसे सुंदर नगरी के रूप में विकसित करने के लिए डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है। आज अयोध्या में जितने पर्यटक आ रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा पर्यटक आगामी मकर संक्रांति और 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर के उद्घाटन के बाद यहां आने लगेंगे। इसलिए, अयोध्यावासी अभी से अतिथि देवो भव: के संकल्प के साथ जुड़ जाएं।’ .

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब दीपोत्सव कार्यक्रम यहां प्रारंभ हुआ था, तब अयोध्या वासियों में उत्साह के साथ एक आकांक्षा भी दिखती थी। उन्होंने जिक्र किया कि यह नारा गूंजता था कि ‘योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो…।’.

उन्होंने कहा कि ‘आज 500 वर्षों के बलिदानों, आंदोलनों, अभियानों के बाद प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। अब अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी बनती है कि जब 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी भगवान श्रीराम को उनके भव्य मंदिर में विराजमान करने के लिए आएं, तब अयोध्या में उनका स्वागत भी ऐतिहासिक होना चाहिए।’.

इस अवसर पर, अपने संबोधन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह दिव्य दीपोत्सव भगवान राम की अयोध्या को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठापित कर रहा है।.

उन्होंने कहा, ‘‘भगवान राम और रामायण भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के वाहक हैं। हर घर में रामायण रखी जाती है। भारत सहित विश्व के इतिहास में किसी न किसी रूप में प्रभु श्रीराम रचे बसे हुए हैं।’’.

पटेल ने कहा,’भगवान श्रीराम आदिवासियों और वनवासियों के भी पूज्यनीय हैं। यहां अयोध्या में मंदिर निर्माण के फलस्वरूप रोजगार और आर्थिक रूप से बड़ा बदलाव आएगा।’.

आधिकारिक बयान के अनुसार, इससे पहले, भरत और शत्रुघ्न ने गले लगाकर भगवान राम और लक्ष्मण का स्वागत किया। हेलीपैड से भगवान राम, अपने तीनों भाइयों, माता जानकी, हनुमान और गुरु वशिष्ठ के साथ रथ पर सवार होकर रामकथा पार्क स्थित कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़े।.

बयान के अनुसार, भगवान राम जिस रथ पर माता सीता और अपने भाइयों के साथ सवार थे, उसे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने खींचा।.

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री जयवीर सिंह, राकेश सचान, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आरती उतारकर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, गुरु वशिष्ठ और हनुमान का अभिनंदन किया।.

इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक भी किया।.

बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल हुए साधु संतों का भी स्वागत किया। उन्होंने महंत नृत्य गोपाल दास को ‘शॉल’ ओढ़ाकर उनका आशीर्वाद लिया । वहीं, राज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री ने इस अवसर पर अयोध्या के दीपोत्सव पर आधारित ‘कॉफी टेबल बुक’ जारी किया। .