योग के जरिये अंतरविरोधों, गतिरोधों को खत्म करने की आवश्यकता : प्रधानमंत्री मोदी

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नयी दिल्ली, 21 जून (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत ने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परंपराओं को पोषित किया है। उन्होंने योग के माध्यम से विरोधाभासों, बाधाओं और प्रतिरोधों को खत्म करने का आह्वान भी किया।.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारतीयों ने हमेशा नये विचारों का स्वागत किया है, उन्हें संरक्षण दिया है और देश की समृद्ध विविधता का जश्न मनाया है।.

उन्होंने कहा, “भारत की संस्कृति हो या सामाजिक संरचना, भारत का अध्यात्म हो या उसके आदर्श, भारत का दर्शन हो या दृष्टि, हमने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परंपराओं को पोषित किया है। हमने नये विचारों का स्वागत किया है, उन्हें संरक्षण दिया है। हमने विविधताओं को समृद्ध किया है, उनका जश्न मनाया है।”

वहीं, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के राष्ट्रीय समारोह का नेतृत्व किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संसद भवन परिसर में आयोजित समारोह में शामिल हुए, जबकि केंद्रीय मंत्रियों ने विभिन्न शहरों में योगाभ्यास किया।

देशवासियों को योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मोदी ने कहा कि योग का प्रसार भारत के विचार का विस्तार है, जो पूरे संसार को एक परिवार के रूप में समाहित करता है।

उन्होंने कहा, “योग के विस्तार का अर्थ है ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना का विस्तार। इसलिए इस वर्ष भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 सम्मेलन का विषय भी एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ओशन रिंग ऑफ योग’ ने इस साल योग दिवस के कार्यक्रमों को और विशेष बना दिया है, क्योंकि यह योग के विचार और समुद्र के विस्तार के पारस्परिक संबंध पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि सेना के जवानों ने भी जलस्रोतों के साथ एक ‘योग भारतमाला और योग सागरमाला’ बनाई है।

मोदी ने कहा, “इसी तरह, आर्कटिक से लेकर अंटार्कटिका तक, भारत के दो अनुसंधान केंद्र यानी पृथ्वी के दो ध्रुव भी योग से जुड़ रहे हैं। योग के इस अनूठे जश्न में देश-दुनिया के करोड़ों लोगों का इतने सहज स्वरूप में शामिल होना, योग के प्रसार और प्रसिद्धि को उजागर करता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एक ऐसे स्वस्थ और सामर्थ्यशाली समाज का निर्माण करता है, जिसकी सामूहिक ऊर्जा कई गुना ज्यादा होती है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्वच्छ भारत जैसे संकल्पों से लेकर ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों तक, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण से लेकर सांस्कृतिक भारत के पुनर्निर्माण तक, देश और देश के युवाओं में जो असाधारण गति दिखी है, उसमें इस ऊर्जा का बहुत बड़ा योगदान है।

मोदी ने कहा, “आज देश का मन बदला है, इसीलिए जन और जीवन बदला है।”

उन्होंने कहा, “योग हमारी अंतरदृष्टि को विस्तार देता है। योग हमें उस चेतना से जोड़ता है, जो हमें जीव मात्र की एकता का एहसास कराती है, जो हमें प्राणी मात्र से प्रेम का आधार देती है। इसलिए हमें योग के जरिये हमारे अंतरविरोधों को खत्म करना है, हमें योग के जरिये हमारे गतिरोधों और प्रतिरोधों को भी खत्म करना है। हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को विश्व के सामने एक उदाहरण के रूप में पेश करना है।”

मोदी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ऐतिहासिक समारोह में एक अनोखे योग सत्र का नेतृत्व करेंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी, दुनियाभर के राजदूत और प्रमुख व्यक्ति हिस्सा लेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर मोदी अपनी यात्रा के पहले चरण के तहत न्यूयॉर्क में हैं।

मोदी ने कहा कि हर वर्ष योग दिवस के अवसर पर वह किसी न किसी आयोजन में आमजन के बीच उपस्थित रहते हैं, लेकिन इस बार अमेरिका की यात्रा पर होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर सके।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से पेश प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के आह्वान पर योग के लिए दुनिया के 180 से ज्यादा देशों का एक साथ आना ‘ऐतिहासिक और अभूतपूर्व’ है।

उन्होंने कहा, “तब से लेकर आज तक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिये योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है, एक वैश्विक भावना बन गया है।’’