बाबा रामदेव को भेजा नोटिस,दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘कोरोनिल’ से जुड़े मामले में डॉक्टरों की याचिका पर मांगा जवाब

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली, 08 सितम्बर (ए)। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ‘कोरोनिल’ के उपयोग को लेकर बाबा रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों के विभिन्न संगठनों द्वारा दायर मुकदमों पर वह छह अक्टूबर को सुनवाई करेगी। अदालत ने बाबा रामदेव से कहा कि वह डॉक्टरों के संगठनों की याचिकाओं पर जवाब दायर करें, जिनमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित कथित रूप से समान याचिकाओं के कारण यहां सुनवाई नहीं रुकनी चाहिए। कोरोनिल पतंजलि आयुर्वेद द्वारा विकसित एक दवा है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाई के रूप में सरकार के पास पंजीकृत है।
जस्टिस अनूप जयराम भम्भानी ने गुरुवार को प्रतिवादियों रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और अन्य को वादियों (डॉक्टरों के संगठन) द्वारा दी गई अर्जियों पर नोटिस जारी किया और कहा कि मैं आपको कुछ समय दूंगा। हमें (सुप्रीम कोर्ट में लंबित) रिट याचिका को देखना होगा। मैं आपके मामले पर किसी और दिन संक्षिप्त सुनवाई करूंगा।
अदालत ने आदेश दिया, ”सारांश यह है कि वादी 26 अगस्त के आदेश पर स्पष्टीकरण चाहते हैं। उनका कहना है कि आदेश में दिए गए निर्देशों के कारण आधी सुनवाई के बाद इस मामले पर आगे की सुनवाई नहीं रुकनी चाहिए। नोटिस जारी करें। अगली तारीख से पहले अर्जियों पर जवाब दाखिल होने दें।”
डॉक्टरों ने रामदेव पर लगाया था लोगों को गुमराह करने का आरोप
गौरतलब है कि डॉक्टरों के कई संगठनों/एसोसिएशन ने पिछले साल हाईकोर्ट में अर्जी देकर आरोप लगाया था कि रामदेव बहुत हद तक लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की मौत के लिए एलोपैथी जिम्मेदार है और दावा कर रहे हैं कि पतंजलि का कोरोनिल कोविड का इलाज है।