व्यापारी के यहाँ छापा: 150 करोड़ रुपये से भरा मिला कमरा, टैक्स चोरी का ऐसे छुआ ‘शिखर’

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली-लखनऊ ,25 दिसंबर (ए)। शुक्रवार को कानपुर में एक व्यापारी के घर पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा। उसके घर से इतना पैसा निकला कि इनकम टैक्स के कर्मचारी गिनते गिनते थक गए। 8 मशीनों से गिने गए नोट आखिरकार नोट गिनने वाली आठ मशीनें लगाई गईं और खासतौर पर इस काम के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मदद लेनी पड़ी। ये भारत के उन ईमानदार लोगों के साथ एक भद्दा मज़ाक़ है, जो अमीर बनने के लिए बेईमानी का रास्ता नहीं अपनाते। ये नोट देखने के बाद आपके मन में लालच तो ज़रूर आएगा और मन में ये बहस भी छिड़ेगी कि सच्चाई और ईमानदारी की ग़रीबी सही है या बेईमानी और चोरी की अमीरी अच्छी है? इनकम टैक्स और GST Intelligence विभाग ने ये छापेमारी टैक्स चोरी से जुड़े एक मामले में की है। इस ख़बर को लेकर अभी लोगों के बीच काफ़ी Confusion है। इसलिए हम आपको सरल भाषा में ये पूरा मामला बताते हैं। शुरू करते हैं उसी घर से, जहां 150 करोड़ रुपये कैश छिपा कर रखा गया था। ये घर कानपुर के एक कारोबारी पीयूष जैन का है, जिनकी इत्र बनाने की फैक्ट्री है। इसके अलावा वो एक Perfumery यानी सुगंधित Compund भी बनाते हैं, जिसका इस्तेमाल पान मसाला बनाने में किया जाता है। ये पूरा मामला पान मसाला बनाने वाली एक कम्पनी से ही जुड़ा है। दरअसल, अहमदाबाद की GST Intelligence टीम ने पिछले दिनों चार ट्रकों को पकड़ा था, जिनमें पान मसाला और दूसरा कच्चा माल सप्लाई किया जा रहा था। जब पुलिस ने इन ट्रकों की जांच की तो पता चला कि इनमें ले जाए जा रहे सामान का Invoice ही नहीं था। Invoice को आम भाषा में आप पक्का बिल भी कह सकते हैं, जिसके लिए Trasport किए जा रहे सामान पर GST चुकाना होता है। यानी ये सामान बिना सरकार को टैक्स चुकाए सप्लाई किया जा रहा था। मामले की जांच हुई तो पता चला कि ये केस शिखर पान मसाला कम्पनी से जुड़ा है। इसके बाद जांच टीम ने इस कम्पनी के मालिकों और उसके Transporter के घर, दफ़्तर और फैक्ट्री पर छापे मारे। इस दौरान इस Trasporter के ठिकानों से एक करोड़ रुपये और 200 फर्जी बिल बरामद हुए। इससे अहमदाबाद की GST Intelligence टीम को ये समझ आया कि कानपुर की ये कम्पनी बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी करके अपने सामान की सप्लाई कर रही है। इस मामले की जांच के दौरान ही इत्र कारोबारी पीयूष जैन का नाम सामने आया। वो ऐसे कि इस पान मसाले में इस्तेमाल होने वाला Perfumery Compound इस कारोबारी की फैक्ट्री में बनता था और ये फर्जी बिल भी इसी ने बनवाए थे। इनकम टैक्स के कर्मचारी जब इस कारोबारी के घर पहुंचे तो उसे इतना कैश मिला कि इन नोटों को गिनने में लगभग दो दिन लग गए। बहुत सारे लोग इस ख़बर को लेकर हैरानी जता रहे हैं, लेकिन हमें लगता है कि ये ख़बर भारत के उन ईमानदार लोगों के साथ भद्दा मज़ाक़ है, जो अमीर बनने के लिए बेईमानदारी का रास्ता नहीं अपनाते। क्या दीवार फिल्म का डॉयलाग याद है? वर्ष 1975 में एक बहुत मशहूर फिल्म आई थी, दीवार। इस फिल्म का एक डॉयलाग बहुत लोकप्रिय हुआ था। इसमें दो भाई आमने सामने होते हैं। एक भाई बेईमान होता है और दूसरा भाई ईमानदार होता है। बेईमान भाई यानी अमिताभ बच्चन कहते हैं कि आज मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, पैसा है, तुम्हारे पास क्या है? इस पर ईमानदार पुलिस अफसर का किरदार निभाने वाले शशि कपूर कहते हैं कि उनके पास मां है। ये डायलॉग आपने कई बार सुना होगा लेकिन आप इसकी गहराई में कभी नहीं गए होंगे। इसमें जीवन के सिद्धांत छिपे हैं और जीवन के सिद्धांत कहते हैं कि जो ईमानदार होता है, उसकी तरफ भगवान होता है क्योंकि मां को भगवान के बराबर दर्ज दिया गया है। इसीलिए ये बहस तभी से चली आ रही है कि मां ईमानदार और गरीब बेटे के पास रहेगी या बेईमान के पास रहेगी। अमीरी से मापी जाती है प्रतिष्ठा जब किसी लड़की का परिवार किसी लड़के से शादी का रिश्ता जोड़ता है तो वो उस लड़के की हैसियत उसकी ईमानदारी से नहीं देखता बल्कि उसकी हैसियत उसकी अमीरी से मापी जाती है। कहने का मतलब ये है कि चोरी और बेईमानी से हमारे समाज में जो लोग अमीर बनते हैं, उन्हें आज भी बुरा नहीं माना जाता है। हम उनका बहिष्कार नहीं करते हैं बल्कि उन्हें बड़ा लोग मान लेते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति गरीब है और ईमानदार है तो उसे ज्यादा महत्व नहीं दिया। यानी ईमानदारी में ज्यादा ग्लैमर नहीं है।ईमानदारी वाला जीतता है रेस बेईमानी में जो ROI है यानी Return on Investment है, वो बहुत ज्यादा है। ईमानदारी का ROI बहुत कम है। हालांकि हमें फिर अंग्रेजी की एक कहावत भी याद आती है। जीवन की इस रेस में वही जीतेगा, जो ईमानदार रहेगा।