जेल से बाहर आए संजय सिंह, कहा- जश्न मनाने का नहीं संघर्ष करने का समय है

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: तीन अप्रैल (ए) दिल्ली आबकारी नीति मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के एक दिन बाद बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह तिहाड़ जेल से बाहर आए और कहा कि यह जश्न मनाने का नहीं बल्कि संघर्ष का समय है।

सिंह का अभिवादन करने के लिए जेल के बाहर पार्टी के अनेक कार्यकर्ता जमा हुए थे।

सिंह 13 अक्टूबर 2023 से राष्ट्रीय राजधानी की अति सुरक्षा वाली जेल में बंद थे। वह द्वार संख्या तीन से बाहर आए।

जेल अधिकारियों ने कहा कि जमानत प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें रिहा किया गया।

जेल के बाहर एकत्रित ‘आप’ के समर्थकों ने “देखो देखो कौन आया, शेर आया, शेर आया” और “संजय सिंह जिंदाबाद” के नारे लगाए। ‘आप’ कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच राज्यसभा सदस्य को फूलमाला पहनाई गई।

दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज और आप के विधायक दुर्गेश पाठक जेल के बाहर मौजूद थे।

सिंह की रिहाई के मद्देनजर जेल के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे।

उन्होंने कहा, “यह संघर्ष का समय है। अरविंद केजरीवाल जिंदाबाद। जेल में बंद हमारे नेता भी जल्द बाहर आएंगे। यह जश्न मनाने का नहीं बल्कि संघर्ष का समय है

तिहाड़ जेल से बाहर आते ही आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘जश्न मनाने का वक्त नहीं आया है, संघर्ष का वक्त है… हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल, सत्येंद्र जैन और मनीष सिसौदिया को हिरासत में रखा गया है’ सलाखों के पीछे. मुझे विश्वास है कि जेल के ताले टूटेंगे और वे बाहर आएंगे।

रिहाई के बाद सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता से मिलने के लिए उनके आवास रवाना हो गए।

इससे पहले सिंह को वसंत कुंज के आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर करीब 1:30 बजे अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्हें जमानत की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए वापस तिहाड़ जेल ले जाया गया।

मंगलवार को सिंह नियमित जांच के लिए आईएलबीएस गए थे लेकिन उन्हें भर्ती कर लिया गया। अस्पताल में ही उन्हें उनकी जमानत की खबर मिली।

संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह ने कहा कि वह उनकी रिहाई का जश्न नहीं मनाएंगी क्योंकि केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन समेत पार्टी के नेता अब भी जेल में बंद हैं।