न्यायालय ने शरद पवार की याचिका पर अजित पवार गुट से मांगा जवाब

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 14 मार्च (ए) उच्चतम न्यायालय ने शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गुट की ओर से दाखिल याचिका पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाले धड़े से बृहस्पतिवार को जवाब दाखिल करने को कहा।

वयोवृद्ध मराठा नेता ने अपनी याचिका में आरोप लगाए थे कि अजित पवार गुट राजनीतिक लाभ के लिए उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहा है। शीर्ष अदालत ने शरद पवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर ध्यान दिया कि उनके भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट “उनकी सद्भावना का लाभ उठा रहा है” और मराठा दिग्गज को प्रतिद्वंद्वियों से “झूठी प्रशंसा” की आवश्यकता नहीं है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने अजित पवार गुट की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह से कहा, “एक बार जब आपने (अजित पवार गुट ने) अलग रास्ता चुन लिया, तो आप केवल अपनी पहचान का उपयोग करते हैं।”

पीठ ने कहा, ‘‘ हमें स्पष्ट, बिना शर्त आश्वासन चाहिए कि शरद पवार के नाम, तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।’’ पीठ ने कहा कि इस आशय का एक हलफनामा शनिवार तक दाखिल किया जाए।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख निर्धारित की।

न्यायमूर्ति कांत ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट से कहा, “अब, आप दोनों दो अलग-अलग संस्थाएं हैं और इसलिए आप केवल अपनी पहचान का उपयोग करें।”

पीठ ने कहा, “हमें आपसे स्पष्ट आश्वासन चाहिए कि आपके राजनीतिक दल में कोई अतिव्यापन नहीं होगा। आप व्यापक प्रचार के साथ एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर सकते हैं कि जहां तक आपका सवाल है आप उनसे (राजनीतिक रूप से) संबंधित नहीं हैं।”

अजित पवार समूह की ओर से पेश एक वरिष्ठ वकील ने दावा किया कि उपमुख्यमंत्री के राजनीतिक संगठन को बदनाम करने के लिए वयोवृद्ध नेता के नाम और तस्वीरों का असत्यापित और बेतरतीब दुरुपयोग किया गया होगा।

पीठ ने कहा कि वह अगली सुनवाई में इन दलीलों पर विचार करेगी।

शुरुआत में, अजित पवार समूह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अजित पवार गुट को असली राकांपा के रूप में मान्यता देने के निर्वाचन आयोग के छह फरवरी के आदेश के खिलाफ शरद पवार की मुख्य याचिका पहले ही अगले सप्ताह सूचीबद्ध हो चुकी है और “दोहराव से बचने के लिए” दोनों मुद्दों को एक साथ उठाया जा सकता है।

सिंघवी ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि इसमें कोई दोहराव नहीं है क्योंकि यहां शरद पवार की सद्भावना के दुरुपयोग का मुद्दा सामने आया है।सिंघवी ने कहा, “मेरा एक न्यूनतम अनुरोध है। आप (अजित पवार गुट) घड़ी (असली राकांपा का चुनाव चिन्ह) और शरद पवार की तस्वीर का उपयोग कैसे कर सकते हैं? यह एक धोखा है।इससे पहले शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि शरद पवार गुट के लिए पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ आवंटित करने का निर्वाचन आयोग का सात फरवरी का आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा।