यूपी में सिगरेट और तंबाकू बेचने के लिए इन शहरों के दुकानदारों को लेना होगा लाइसेंस

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 12 जून (ए)। यूपी सरकार ने फैसला किया है कि शहरों में बीड़ी, सिगरेट या तंबाकू जैसे उत्पादों को बेचने के लिए दुकानदारों को लाइसेंस लेना होगा। लखनऊ नगर निगम में पहले से लागू है, शेष 16 शहरों अलीगढ़, मेरठ, अयोध्या, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, वृंदावन-मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली व शाहजहांपुर में इसे लागू किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव नगर विकास डा. रजनीश दुबे ने शासनादेश जारी कर दिया है।
नगर विकास विभाग ने इसके लिए तंबाकू उत्पादन लाइसेंस शुल्क का निर्धारण, विनियमन और नियंत्रण एवं अनुज्ञप्ति शुल्क उपविधि-2021 का प्रारूप जारी कर दिया है। नगर निगमों को इसे बनाते हुए अपने यहां बोर्ड से पास कराना होगा। इसके बाद इसे लागू किया जाएगा।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद दुकानदार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सिगरेट व तंबाकू से बने उत्पाद नहीं बेच पाएंगे। इतना ही नहीं 18 साल से कम उम्र के बच्चों को इसे बेचने की अनुमति भी नहीं होगी। अभी किसी भी दुकान पर बीड़ी, सिगरेट व तंबाकू से बने उत्पाद धड़ल्ले से बिक रहे हैं। 
लाइसेंस के बिना कोई भी कामर्शियल मॉल, थोक बाजार, बिग बाजार, स्पेंसर्स, जनल मर्चेंट, किराना दुकान, गुमटी आदि पर तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होगी। बिना लाइसेंस के बिक्री करते हुए पाए जाने पर पहली बार 2000 रुपये जुर्माना व सामान जब्त कर लिया जाएगा। दूसरी बार 5000 रुपये जुर्माना लिया जाएगा। लाइसेंस लेने वाला केवल भारतीय उत्पाद या केंद्र सरकार के आयत नियमों में आए सामान ही बेच पाएगा।
लाइसेंस लेने के लिए भारत का नागरिक ही पात्र होगा। आवेदनकर्ता की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए। दुकानदार के नाम पर आधार कार्ड होना अनिवार्य होगा। शहर के बाहर का आधार कार्ड होने पर पार्षद से सत्यापना कराना होगा। शैक्षिक संस्थान से 100 गज की दूरी पर दुकान को लाइसेंस दिया जाएगा। स्ट्रीट वेंडर नीति के अनुसार अस्थाई दुकानदार को भी लाइसेंस दिया जाएगा।