गुरुग्राम, 10 नवंबर (ए) गुरुग्राम में 11वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने सहपाठी को इसलिए गोली मार दी क्योंकि वह अपने मोबाइल फोन में व्यस्त था और उसके सवालों को अनसुना कर रहा था। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी और घटना के समय उसके साथ मौजूद एक अन्य लड़के को हिरासत में लेकर फरीदाबाद के एक सुधार गृह भेज दिया गया है।
पुलिस के अनुसार, सेक्टर 48 स्थित आरोपी के घर पर शनिवार को गोली मारे जाने से घायल हुए 17 वर्षीय पीड़ित की गर्दन की हड्डी टूट गई है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
पीड़ित के परिवार का दावा है कि उसके साथ पहले हुए एक विवाद को लेकर आरोपी उससे रंजिश रखता था। आरोपी ने अपने सहपाठी को गोली मारने के लिए अपने पिता की लाइसेंसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और अभिभावकों एवं विद्यालयों से छात्रों को ‘‘लोगों से घुलने-मिलने का कौशल’’ सिखाने का आह्वान किया ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने बताया कि तीनों छात्र – पीड़ित और दोनों आरोपी – सहपाठी थे।
अधिकारी के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि पीड़ित अपने मोबाइल फोन पर कुछ देख रहा था और तीन बार पूछने के बावजूद उसने उसके सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
अधिकारी ने बताया कि इससे आरोपी को ‘‘गुस्सा’’ आ गया और उसने गोली चला दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी और उसके दोस्त को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया और फरीदाबाद के एक सुधार गृह भेज दिया गया।
पुलिस के अनुसार, गोली पीड़ित की गर्दन के आर-पार हो गई और कुछ छर्रे उसमें फंस गए जिससे उसकी गर्दन की हड्डी टूट गई। घायल छात्र एक निजी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
डीजीपी सिंह ने कहा कि शस्त्र लाइसेंस धारकों को अपने हथियारों को उचित तरीके से रखने के लिए प्रशिक्षित करने का प्रयास किया जाएगा।
अधिकारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने एसपी (पुलिस अधीक्षक) और सीपी (पुलिस आयुक्त) को अपने इलाकों के हथियार लाइसेंस धारकों को ऐसे खतरों के बारे में सचेत करने का निर्देश दिया है।‘‘
उन्होंने कहा कि उन्हें हथियार लाइसेंस धारकों के लिए जरूरी प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि वे अपने हथियारों पर आवश्यक नजर रख सकें।
सिंह ने कहा, ‘‘वीडियो गेम खेलने वाली पीढ़ी को यह नहीं पता कि किसी को गोली मारना कोई खेल नहीं है। माता-पिता और विद्यालयों को बच्चों को ‘लोगों से घुलने-मिलने’ से जुड़ा कौशल सिखाना चाहिए। किसी भी तरह के झगड़े या विवाद की नौबत नहीं आनी चाहिए।’
घटना के संबंध में सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पीड़ित की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उसके बेटे के स्कूल के दोस्त ने उसे शनिवार को मिलने के लिए बुलाया था। उसके बेटे ने पहले तो मना कर दिया लेकिन दोस्त ने जिद की और कहा कि वह उसे लेने आएगा।
उसने बताया कि फिर उसने अपने बेटे को जाने दिया और वह खेड़की दौला टोल पर अपने दोस्त से मिला।
उसने बताया कि फिर उसने अपने बेटे को जाने दिया और वह खेड़की दौला टोल पर अपने दोस्त से मिला।
मां ने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘करीब दो महीने पहले मेरे बेटे का अपने दोस्त से झगड़ा हुआ था। इसी के कारण मेरे बेटे का दोस्त उसे अपने घर ले गया और अपने एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर उसने उसे जान से मारने की मंशा से गोली मार दी।’’
आरोपी का पिता प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है और वह पातली गांव का रहने वाला है।