लखनऊ, 18 अगस्त (ए)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आशा वर्करों (ग्रामीण एवं शहरी) और आशा संगिनी, चौकीदारों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और आंगनबाड़ी सहायिकाओं, रोजगार सेवकों, प्रांतीय रक्षक दल, रसोइया, शिक्षा मित्रों और अंशकालिक अनुदेशकों को बड़ी राहत दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे इन कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी की गई है। प्रदेश सरकार के अनुपूरक बजट में गांवों में काम कर रहे इन कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आज विधानसभा में 7301.5 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया है। बजट में ग्रामीण क्षेत्रों पर खासा फोकस किया गया है और इन क्षेत्रों में अरसे से कार्य कर रहे कर्मचारियों को हर सरकार से मानदेय वृद्धि की आस थी। इससे सरकार को करीब सात सौ करोड़ रुपए अतिरिक्त रूप से खर्च करने पड़ेंगे और करीब छह करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
कोरोना काल में निगरानी समितियों के माध्यम से आशा वर्करों और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने अभूतपूर्व कार्य किया है। इन्होंने घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की है। साथ ही लक्षणयुक्त व्यक्ति मिलने पर निशुल्क मेडिसिन किट का वितरण भी किया है। ऐसे ही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी ऐक्ट (मनरेगा) के तहत ग्राम रोजगार सेवकों (सुपरवाइजरों) ने प्रवासियों को लेकर बेहतर कार्य किया है।
प्रदेश में प्रांतीय रक्षक दल के 44 हजार जवानों को मानदेय वृद्धि का लाभ मिलेगा। इसमें करीब 30 हजार जवान एक्टिव हैं और फिलहाल, उन्हें प्रति ड्यूटी 375 रुपए दी जाती है। करीब दो लाख शिक्षा मित्रों, रसोइया और अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में इजाफा होने से लाभ मिलेगा।
सीएम योगी ने अधिवक्ता समाज के लिए बड़ा कदम उठाया है। सामाजिक सुरक्षा निधि योजना के तहत अधिवक्ताओं द्वारा 30 वर्ष की सदस्यता पूर्ण करने पर धनराशि दी जाएगी। इससे अधिवक्ताओं को वृद्धावस्था में बड़ा संबल मिलेगा। इससे पहले भी कई अवसरों पर सरकार ने अधिवक्ताओं के हित में कई निर्णय लिए हैं।