सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक लगाई रोक, कमेटी का गठन

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली,12 जनवरी (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में विवाद के समाधान के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है और कहा कि अगले आदेश तक तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगी रहेगी। इस कमिटी में बीकेयू के एचएस मान, प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल घनवट सदस्य होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि दुनिया की कोई ताकत उसे नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती और उसे समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है। उसने किसानों के प्रदर्शन पर कहा, हम जनता के जीवन और सम्पत्ति की रक्षा को लेकर चिंतित हैं। न्यायालय ने साथ ही किसान संगठनों से सहयोग मांगते हुए कहा कि कृषि कानूनों पर  जो लोग सही में समाधान चाहते हैं, वे समिति के पास जाएंगे।

कोर्ट ने किसान संगठनों से कहा कि  यह राजनीति नहीं है। राजनीति और न्यायतंत्र में फर्क है और आपको सहयोग करना ही होगा। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुये यहां तक संकेत दिया था कि अगर सरकार इन कानूनों का अमल स्थगित नहीं करती है तो वह उन पर रोक लगा सकती है।

न्यायालय ने कहा कि कोई ताकत हमें नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती तथा हमें समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ में करीब सवा महीने से अधिक समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 

प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुये यहां तक संकेत दिया था कि अगर सरकार इन कानूनों का अमल स्थगित नहीं करती है तो वह उन पर रोक लगा सकती है।

न्यायालय ने कहा कि कोई ताकत हमें नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती तथा हमें समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है ।