सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन पत्र भाजपा के इशारे पर खारिज; अदालत का रुख करेंगे: गोहिल

राष्ट्रीय
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अहमदाबाद: 21 अप्रैल (ए) कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने रविवार को आरोप लगाया कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन पत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर खारिज किया गया।

इस घटनाक्रम को ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ करार देते हुए गोहिल ने कहा कि प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में कथित विसंगतियों को लेकर पार्टी उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ कांग्रेस गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगी।कांग्रेस सूरत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान से बाहर हो गई है क्योंकि सूरत से पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी अमान्य कर दिया गया है।

निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ये हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे हैं।

गोहिल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भाजपा घबरा गई है क्योंकि उसे अहसास हो गया है कि इस बार (चुनाव में) स्थिति उसके लिए अनुकूल नहीं है। उसने कांग्रेस उम्मीदवारों के फॉर्म को किसी भी तरह से रद्द कराने की साजिश रची। कुंभाणी नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद से ही उनके निशाने पर थे क्योंकि भाजपा को सूरत सीट पर हार का अहसास हो गया था।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि कुंभाणी को धमकाने की भी कोशिश की गई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि नामांकन पत्र जमा करने के बाद केवल इस दावे पर नामांकन फॉर्म रद्द नहीं किया जा सकता है कि फॉर्म में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर उनके नहीं हैं।

निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ये हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे हैं।

गोहिल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भाजपा घबरा गई है क्योंकि उसे अहसास हो गया है कि इस बार (चुनाव में) स्थिति उसके लिए अनुकूल नहीं है। उसने कांग्रेस उम्मीदवारों के फॉर्म को किसी भी तरह से रद्द कराने की साजिश रची। कुंभाणी नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद से ही उनके निशाने पर थे क्योंकि भाजपा को सूरत सीट पर हार का अहसास हो गया था।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि कुंभाणी को धमकाने की भी कोशिश की गई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि नामांकन पत्र जमा करने के बाद केवल इस दावे पर नामांकन फॉर्म रद्द नहीं किया जा सकता है कि फॉर्म में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर उनके नहीं हैं।

निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

गोहिल ने यह भी दावा किया कि 2022 के चुनावों में सूरत-पूर्व विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द नहीं किया गया था, भले ही दो प्रस्तावकों ने दावा किया था कि उन्होंने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।

उन्होंने मौजूदा मामले में निर्वाचन आयोग से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। गोहिल ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है। हम (निर्वाचन अधिकारी के) इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे और जरूरत पड़ने पर उच्चतम न्यायालय का भी रुख करेंगे।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने शनिवार को नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस उम्मीदवार को अपना पक्ष रखने के लिए रविवार सुबह उपस्थित होने का समय दिया था।

गोहिल ने कहा, ‘‘निर्वाचन अधिकारी यह पता लगाने के लिए लिखावट विशेषज्ञों की मदद ले सकते थे कि फॉर्म में हस्ताक्षर असली या जाली हैं। साथ ही कानून में, इस आधार पर नामांकन फॉर्म रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है। निर्वाचन आयोग यदि चाहे तो जालसाजी का मामला दर्ज कर सकता है, लेकिन फॉर्म रद्द नहीं कर सकता।’’

कुंभाणी ने अपने जवाब में कहा कि प्रस्तावकों ने उनकी मौजूदगी में अपने हस्ताक्षर किए थे और उनके हस्ताक्षरों की जांच लिखावट विशेषज्ञ से कराई जानी चाहिए। कुंभाणी ने कहा कि न्याय के हित में उनके प्रस्तावकों से भी पूछताछ की जानी चाहिए।

कांग्रेस गुजरात में 26 में से 24 सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि सीट-बंटवारे के समझौते के तहत दो निर्वाचन क्षेत्र आम आदमी पार्टी को आवंटित किए गए हैं।