दो सरकारी गनर की सुरक्षा में सड़क पर कपड़ा बेचता है ठेले वाला, जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश एटा
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एटा, 17 जुलाई (ए)। यूपी के एटा जिले में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जहाँ सड़क पर एक व्यक्ति ने कपड़े का ठेला लगा रखा था और सुरक्षा के लिये उसके पीछे कुर्सी डालकर दो गनर बैठे थे। दोनों गनर ठेले वाले की सुरक्षा के लिए थे। यह नजारा देखकर हर कोई आश्चर्यचकित था कि आसानी से व्यापारियों और नेताओं को पुलिस का एक गनर नहीं भी मिलता और यहां एक ठेले वाले की सुरक्षा के लिए दो-दो गनर तैनात थे।
दरअसल हाईकोर्ट के आदेश पर इस ठेले वाले की सुरक्षा में दो सशस्त्र गनर मिले हैं। वो आरोपियों रामेश्वर सिंह यादव और जुगेंद्र सिंह का पीड़ित है। आरोपियों ने ही खुद के खिलाफ जाति सूचक गालियां देने और बंधक बनाकर बैनामा कराने के दायर मुकदमे को खारिज करने की याचिका डाली थी। इसकी सुनवाई में कोर्ट ने आदेश दिए। मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।
सपा नेता रामेश्वर सिंह और जुगेंद्र सिंह यादव की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका डाली गई थी। इसमें मांग की गई थी कि थाना जैथरा में बंधक बनाकर जमीन पर कब्जा करने एवं जाति सूचक गालियां देने का मुकदमा दर्ज कराया गया है, वह झूठा है। इस मुकदमे को खारिज किया गया जाए। हाईकोर्ट की ओर से पीड़ित रामेश्वर दयाल निवासी जैथरा को भी नोटिस जारी कर शनिवार को बुलाया गया था। हाईकोर्ट में न्यायाधीश ने सुनवाई शुरू की।
जुगेंद्र सिंह यादव की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने मांग की कि यह मामला झूठा है और इसे खारिज कर दिया जाए। उसी दौरान न्यायाधीश ने पीड़ित को देखते हुए आश्चर्य जताया कि पीड़ित बिना सुरक्षा यहां तक कैसे आ गया। पुलिस ने अभी तक उसे सुरक्षा मुहैया क्यों नहीं कराई। न्यायाधीश ने सुरक्षा देने के आदेश पारित कर दिए। इस पर रविवार को एसएसपी उदयशंकर सिंह पीड़ित रामेश्वर दयाल की सुरक्षा में दोपहर को ही दो सशस्त्र कांस्टेबल लगा दिए। पीड़ित रामेश्वर दयाल अपनी आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने की वजह से सुरक्षा नहीं चाहते थे। इसके लिए उन्होंने न्यायाधीश से गुहार भी लगाई थी। 
पीड़ित रामेश्वर दयाल जैथरा में हथठेले पर रेडीमेड कपड़े आदि बेचते हैं। उनके पास कोई दुकान नहीं है। दोपहर को जब उनके पास दो कांस्टेबल पहुंचे तो वह एकबारगी तो उन्हें खरीदार समझ बैठे। खुद उठकर खड़े हो गए। बाद में उन्हें बताया गया कि यह आपकी सुरक्षा में रहेंगे। कुछ देर बाद उन्होंने दोनों कांस्टेबलों के लिए कुर्सी की व्यवस्था की और खुद उसी ठेल पर बैठ गए।