नयी दिल्ली: 15 सितंबर (ए) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को निर्देश दिया कि वह मसौदा नियम तैयार करते समय उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या को रोकने के लिए रैगिंग, यौन उत्पीड़न और जाति, लिंग, दिव्यांगता तथा अन्य पूर्वाग्रहों के आधार पर भेदभाव से निपटने के सुझावों पर विचार करे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से दो महीने के भीतर सुझावों पर विचार करने को कहा है। पीठ ने रोहित वेमुला और पायल तड़वी की माताओं के सुझावों पर भी विचार करने को कहा है, जिन्होंने अपने-अपने परिसरों में जाति आधारित भेदभाव का सामना करने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।