उप्र: फिल्‍म ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ कई जिलों में विरोध प्रदर्शन, संतों ने प्रतिबंध लगाने की मांग की

राष्ट्रीय
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अयोध्या/मथुरा/लखनऊ/वाराणसी (उप्र), 19 जून (ए) वाराणसी, मथुरा और राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में फिल्म ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच अयोध्या के संतों ने इस पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए सोमवार को कहा कि फिल्म के संवाद सुनकर उनका ‘खून खौलने’ लगता है। .

अयोध्या के संतों का मानना है कि यह फिल्म हिंदू धर्म और संस्कृति के खिलाफ विदेशी साजिश के तहत बनाई गई है।.

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, ‘‘फिल्म के संवाद सुनकर खून खौल उठता है, फिल्म पर तुरंत प्रतिबंध लगना चाहिए। सरकार को इस बात का ख्याल रखना चाहिए, ताकि दोबारा ऐसा ना हो। इस फिल्म में राम, हनुमान और सीता किरदार निभाने वाले पात्रों को मुस्लिम पात्र के रूप में दिखाया गया है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि ये सब जानबूझकर किया गया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

हनुमानगढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी महंत राम दास ने कहा,”फिल्म आदिपुरुष को हिंदू धर्म और संस्कृति के खिलाफ विदेशी साजिशों के तहत बनाया गया है। भगवान राम, भगवान हनुमान और देवी सीता की भूमिका निभाने वाले पात्रों द्वारा दिए गए फिल्म के संवाद रामायण की आदर्श संस्कृति को नष्ट कर देंगे। हम केंद्र से आग्रह करते हैं कि फिल्म पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।’

उन्‍होंने कहा कि धार्मिक फिल्म बनाने से पहले हिंदू धार्मिक नेताओं द्वारा इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।

फिल्‍म ‘आदिपुरुष’ के अमर्यादित संवाद और चरित्र चित्रण को लेकर मथुरा के गोविंद नगर थाना क्षेत्र में स्थित एक सिनेमाघर पर सोमवार को पहले शो से पूर्व ही अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों और अन्य लोगों ने पहुंचकर नारेबाजी की।

महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि उन संवादों से सनातन संस्कृति की छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया गया है जिससे हमें बेहद पीड़ा महसूस हुई है। उन्होंने कहा कि वे लोग सेंसर बोर्ड का पुतला दहन करने आए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया।

फिल्‍म के अमर्यादित संवाद और चरित्र चित्रण को लेकर एक हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने वाराणसी के सिगरा स्थित आईपी मॉल पर विरोध प्रदर्शन किया और फिल्म के पोस्टर फाड़ डाले।

वहीं, दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ में हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने हजरतगंज थाने में तहरीर देकर फिल्‍म के अभिनेताओं, निर्माता और निर्देशक के खिलाफ प्राथमिकी पंजीकृत दर्ज करने की मांग की है। हालांकि, अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।

एक हिंदू संगठन के नेता हेमंत राज ने बताया कि सोमवार को दर्जनों की संख्या में युवा भारत माता मंदिर पर एकत्रित हुए और यहां से जुलूस बनाकर सिगरा स्थित आईपी मॉल पहुंचे। उन्होंने कहा कि युवाओं ने वहां फिल्म का पोस्टर फाड़कर नारेबाजी की और फिल्म को बंद करने की मांग की।

युवाओं ने आदिपुरुष फिल्म को ना देखने की लोगों से अपील की और पर्चे बांटे। युवा मॉल के अंदर प्रवेश करना चाहते थे, लेकिन वहां मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया।

युवाओं का कहना था कि इस तरह की फिल्म बनाकर उनके धर्म का मजाक उड़ाया जा रहा है जिसे वे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं करेंगे। उन्होंने मांग की कि उत्तर प्रदेश सरकार तत्काल इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाये।

राजधानी लखनऊ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रवक्‍ता शिशिर चतुर्वेदी और उनके अन्य साथियों ने हजरतगंज पुलिस थाने में तहरीर देकर फिल्‍म के अभिनेताओं और फिल्‍म के निर्माता निर्देशक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।

उन्‍होंने अपनी तहरीर में कहा कि फिल्‍म में सनातम धर्म का, प्रभु श्री राम जी का, हनुमान जी का, भगवा ध्‍वज का और सीता मैया का अपमान किया गया है।

उन्होंने कहा कि फिल्‍म का चित्रण गलत और कलाकारों की वेशभूषा अनुचित है और इसके संवाद आपत्तिजनक हैं। उन्होंने कहा कि असल रामायण का गलत प्रस्तुतीकरण किया गया है।

इस बारे में सहायक पुलिस आयुक्‍त (एसीपी) अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि फिल्म के खिलाफ तहरीर मिल गयी है और पुलिस मामले की जांच कर रही हैं, अभी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।

उधर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने फिल्‍म ‘आदिपुरुष’ को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा, लेकिन उन्‍होंने फिल्म का नाम नहीं लिया।

सपा नेता यादव ने ट्वीट कर कहा, ” जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से, उनके एजेंडे वाली मनमानी फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनकी फिल्मों को प्रमाणपत्र देने से पहले सेंसर बोर्ड को उनके ‘राजनीतिक-चरित्र’ का प्रमाणपत्र देखना चाहिए। क्या सेंसर बोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है?”

पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने ट्वीट कर कहा, ”सस्ते व सतही संवाद वाले सिनेमा के जरिये मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनकी कथा के विराट तथा प्रेरक चरित्रों को संकुचित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे करोड़ों आस्थावान सनातनी आहत हैं। इस कृत्य के लिए तथाकथित सनातनी भाजपाई देश से माफी मांगें। ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो।”

गौरतलब है कि ‘आदिपुरुष’ शुक्रवार को देशभर में हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और तमिल भाषाओं में रिलीज हुई।

फिल्म में अभिनेता प्रभास ने भगवान राम की, कृति सेनन ने सीता की और सैफ अली खान ने रावण की भूमिका निभाई है।

ओम राउत द्वारा निर्देशित और टी-सीरीज द्वारा निर्मित बड़े बजट वाली इस फिल्म के खराब संवादों को लेकर सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही है।