यूपी विधानसभा में तीसरे दिन भी हंगामा, अखिलेश ने उठाया आजम का मुद्दा, बोले- बहुत मिल चुकी सजा…

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 21 सितम्बर (ए)। यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सपा सदस्यों ने हंगामा किया। सदन शुरू होते ही प्रश्नकाल के पहले ही सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने आजम खां का मुद्दा उठाया।  आजम खान का उत्पीड़न हो रहा है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने आजम खान पर बोलते हुए कहा कि भाजपा आजम का उत्पीड़न कर रही है। अखिलेश ने कहा कि आजम खान को और प्रताड़ित न करे। उन्हें काफी सजा मिल चुकी है। उन पर बदले की भावना से फर्जी मुकदमे दर्ज हो रहे हैं।
इस पर मंत्री सुरेश खन्ना जवाब देते हुए कहा कि कोई मुकदमा फर्जी नहीं है। कानून से ऊपर कोई नहीं है। बदले की भावना से काम करने का आरोप ग़लत है। हम खण्डन करते हैं। जिसने गवाही दी है वह उसी जाति का है, मुक़दमा लिखाया गया उसी जाति का है। गवाह को गवाही देने जिस दिन जाना था, तो सुबह लोगों ने पहुंच कर धमकाया गया, इस मामले में कोतवाली में मुकदमा लिखा गया है। विवेचना चल रही है। पीड़ित ने मुकदमा लिखाया । क़ानून से ऊपर कोई नहीं, क़ानून सब के लिए बराबर है। मशीन मामले में दो लोग पकड़े गए थे, उन्होंने जानकारी दी सब के सामने दिन में वीडियोग्राफी करा कर निकाला गया। मुक़दमा लिखाया गया।  इस पर अखिलेश यादव बीच में बोले कि 5 साल से मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी सरकार की देखरेख में है।  
इससे पहले विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा कराने को लेकर सपा सदस्यों ने थोड़ा हंगामा किया था और वेल में आ गए। मंगलवार को सुबह 11 बजे जब सदन बैठा तो नेता प्रतिपक्ष व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप है। पहले स्वास्थ्य सेवाएं पर चर्चा हो। स्पीकर सतीश महाना ने कहा कि किस नियम में आप यह मुद्दा उठाना चाहते है। अखिलेश ने नियम 311 का हवाला दिया। महाना ने कहा कि यह नियम क्या है। आप जानते हैं तो बता दीजिये। 
अखिलेश ने कहा कि अगर हम नियम नहीं जानते तो आप बता दीजिये। इस पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे व वरिष्ठ सदस्य लाल जी वर्मा ने नियमों का हवाला दिया। अखिलेश ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर मानवाधिकार आयोग ने सरकार को नोटिस दे रखा है। महाना ने कहा कि नियम 311 को मैं अग्राह्य करता हूं। इस पर सपा सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। और नारे लगाए कि तानाशाही की सरकार नहीं चलेगी।