यूपी के नंबर पर चीन में चल रहा व्हाट्सएप, दो चीनी नागरिक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 24 जनवरी (ए)। प्री एक्टिवेटेड सिम देश की सुरक्षा के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकता है इसका अंदाजा सुरक्षा एजेंसियों को तब लगा जब एक पूरा नेटवर्क यूपी एटीएस के हाथ लगा। फर्जी आईडी पर लिए गए सिमकार्ड से सिर्फ आनलाइन खाते ही नहीं खोले गए बल्कि उसका इस्तेमाल चीन ने देश की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए भी किया है। यूपी एटीएस ने दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार कर चीन की खुराफात से पर्दा उठाया है।
पूरा मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं और यूपी एटीएस देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर पड़ताल में जुट गई हैं। यूपी से बेचे गए प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड का इस्तेमाल कौन कर रहा है और क्या कर रहा है इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़े हुए हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पिछले दिनों बड़े पैमाने पर साइबर आर्थिक फ्राड के मामले में कार्रवाई करते हुए 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में जो दो विदेशी नागरिकों की भूमिका सामने आई थी, जिन्हें शनिवार देर रात नोएडा से गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों के नाम जू जुंफू और ली टेंग ली शामिल हैं। दोनों बिजनेस वीजा पर भारत आए हुए थे। जू जुंफू का वीजा पिछले साल अगस्त में समाप्त हो चुका था जबकि ली टेंग ली का वीजा पिछले वर्ष सितंबर में समाप्त हो चुका था। इन दोनों को 1000 से अधिक प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड दिए गए हैं। इसमें से 150 नंबरों पर चीन से वी चैट पर एप पर ओटीपी लिया गया। चीन में बैठे व्यक्ति ने इन नंबरों पर व्हाट्स एप कहां एक्टिवेट कराया यह पता लगाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। क्योंकि चीन में व्हाट्स एप पर प्रतिबंध है, ऐसे में माना जा रहा है कि इन नंबरों के जरिए या तो पाकिस्तान में व्हाट्स एप एक्टिवेट कराए जा रहे हैं या फिर चीन खुद कहीं से इन नंबरों के जरिए जासूसी कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियां पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं।
प्रशांत कुमार ने बताया कि यह मामला सामने आने के बाद एटीएस केआईजी जीके गोस्वामी को इस मामले में तह तक जाने केनिर्देश दिए गए थे। चीनी नागरिकों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि गुड़गांव में होटल संचालक चीनी नागरिक को वह सिमकार्ड उपलब कराता है। चीन में वी चैट के माध्यम से व्हाट्स एप एक्टिवेशन के लिए ओटीपी लिया जाता है। उसके  बाद व्हाट्स एप का इस्तेमाल कहां हो रहा है यह किसी को पता नहीं। जू जुंफु और ली टंाली दिल्ली और आसपास केजिलों से मिले प्री एक्टिवेटेड सिमकाड को हरियाणा केगुड़गांव के एक होटल मालिक को उपलब्ध कराते थे। यह मालिक भी चीनी हैं। इन्हीं के द्वारा प्री एक्टिवेटे सिमकार्ड पर आया व्हाट्स एप का कोड वी चैट के जरिए चाइना में बैठे लोगों को उपलब्ध कराया जाता है। एटीएस उक्त होटल के मालिकों की तलाश में जुट गई है।एटीएस द्वारा की जा रही पड़ताल में अब तक जो बातें सामने आई हैं, वह सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ाने केलिए काफी हैं। हाल के दिनों में भारत के रिश्ते चीन से अच्छे नहीं हैं। वहीं चीन और पाकिस्तान के मधुर संबंध हैं। दोनों देश भारत के दुश्मन देशों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में 150 भारतीय मोबाइल नंबरों पर चाइना से व्हाट्स एप नियंत्रित किया जाना देश की सुरक्षा के साथ बड़ी चूक है।
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इन नंबरों पर व्हाट्स एप एक्टिवेट कर हनी ट्रैप कर जासूसी की जा सकती है। यह सेना, देश केहथियारों के रिसर्च सेंटर और देश की खुफिया जानकारियों को लीक करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। तीन अन्य चीनी नागरिकों की तलाश में एटीएस टीम पहुंची हरियाणा
इस मामले में तीन अन्य चीनी नागरिकों की तलाश में यूपी एटीएस की एक टीम हरियाणा के गुड़गांव पहुंच गई है। यहां वह उस होटल के चाइनीज मालिक और मैनेजर की तलाश कर रही है।
वहीं अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि फर्जी सिमकार्ड के जरिए खोले गए आनलाइन खातों में पैसे कहां से आए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस केस की अभी कई परत खुलना बाकी है। बता दें कि पिछले दिनों यूपी एटीएस ने संभल, अमरोहा और मुरादाबाद से 9 लोगों को गिरफ्तार कर दावा किया था कि यह लोग दूसरे के नामों पर सिमकार्ड एक्टिवेट कर दिल्ली में किसी को बेचते हैं। एटीएस ने पांच लोगों को दिल्ली से भी गिरफ्तार किया था। दिल्ली से पकड़े गए युवकों ने चीन के दो नागरिकों के नाम बताए थे जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। अब इन लोगों ने तीन अन्य लोगों की भूमिका के बारे में बताया है, जिसकी तलाश एटीएस ने शुरू कर दी है।