आईओआरए बैठक में जयशंकर ने भारत को ‘विश्वमित्र’ बताया

राष्ट्रीय
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कोलंबो, 11 अक्टूबर (ए) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को भारत को ‘विश्व मित्र’ और ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बताया।

‘हिंद महासागर रिम एसोसिएशन’ (आईओआरए) के मंत्रियों की परिषद की 23वीं बैठक में भारत ने 2023-25 के लिए आईओआरए के उपाध्यक्ष की भूमिका ग्रहण की। इस मौके पर जयशंकर ने कहा, ‘यहां हममें से कई ‘ग्लोबल साउथ’ के सदस्य हैं और भारत जी20 के माध्यम से जिस चीज को केंद्र में लाने में सफल रहा है, उसका आप सभी निश्चित रूप से स्वागत करेंगे।’’

‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल अक्सर विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।

जयशंकर ने कहा कि अगले दो वर्षों के लिए उपाध्यक्ष के रूप में, ‘‘विश्वमित्र, ‘ग्लोबल साउथ’ की एक आवाज भारत, इस गतिशील समूह की वास्तविक क्षमता को साकार करने की दिशा में आईओआरए के संस्थागत, वित्तीय और कानूनी ढांचे को मजबूत करने के लिए इसके सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करेगा।’’

यह शायद पहला अवसर है जब किसी उच्च पदस्थ कैबिनेट मंत्री ने भारत का वर्णन करने के लिए ‘विश्वगुरु’ के बजाय ‘विश्वमित्र’ शब्द का उपयोग किया है।

जयशंकर ने एक और लोकप्रिय सूत्रवाक्य ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का उल्लेख किया, और कहा, ‘‘यह वसुधैव कुटुंबकम का संदेश है, जो आईओआरए सदस्य देशों को एकसाथ लाने के लिए बांधने वाली एक शक्ति हो सकता है।’’

उन्होंने कहा कि भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर ध्यान केंद्रित करके नारी शक्ति का उपयोग करने में आईओआरए की मदद भी करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘डेटा विभाजन को पाटने और विकास के लिए डेटा को बढ़ावा देने में प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण के महत्व को आईओआरए की समृद्धि की चाह में बढ़ा चढ़ाकर पेश नहीं किया जा सकता।’’

जयशंकर ने कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में क्षमता निर्माण और सुरक्षा सुनिश्चित करने में पहली प्रतिक्रिया देने वाले देश के तौर पर योगदान देने के अपने दृष्टिकोण को जारी रखेगा।