किसानों को सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता : ब्रजेश पाठक

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ: तीन मार्च (ए) उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को कहा कि किसानों को सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को अपनाने के साथ ही केन्‍द्र व राज्‍य सरकारों द्वारा शुरू किए गए प्रमुख कार्यक्रमों व योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।

उप मुख्‍यमंत्री पाठक यहां भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में नवोन्मेषी किसान पुरस्कार-2024 प्रदान करने के लिए इंडियन चैंबर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर (आईसीएफए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित करने से, किसान कृषि में नवाचारों के लिए प्रोत्साहित होंगे।

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार प्रौद्योगिकी और विपणन सहायता के साथ किसानों को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

पाठक ने कहा, ‘किसानों को सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को अपनाने और केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा शुरू किए गए प्रमुख कार्यक्रमों और योजनाओं का लाभ उठाने की आवश्यकता है।’

उन्होंने कहा कि प्रदेश गेहूं, गन्ना, दूध और सब्जियों जैसी विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में अग्रणी है, लेकिन अब समय आ गया है कि राज्य के किसान प्रधानमंत्री के किसानों की आय दोगुनी करने के दृष्टिकोण के अनुरूप आय में भी अग्रणी बनें।

कृषि में नवाचार के लिए जिन 10 किसानों को सम्मानित किया गया है, उनमें अयोध्या के जगदंबा लाल श्रीवास्तव, बाराबंकी के दिनेश चंद्र वर्मा, इटावा के रामकरन तिवारी, फतेहपुर के मंगल सिंह, हरदोई के धर्मेंद्र सिंह, कानपुर देहात के राजकुमार त्रिपाठी, कानपुर नगर के जितेंद्र सिंह, लखनऊ से राजकुमारी, रायबरेली से अभिषेक कुमार पटेल और उन्नाव से अटल बिहारी वाजपेयी शामिल हैं।

‘इंडियन चैंबर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर’ के अध्यक्ष डॉ. एमजे खान ने किसानों और नवाचार के बीच संबंध को मजबूत करने में ऐसे आयोजनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।