किसानों ने किया पीएम मोदी के ‘मन की बात’ का विरोध, पुरुषों ने थाली तो महिलाओं ने बजाई कटोरी व करछी

राष्ट्रीय
Spread the love


नई दिल्ली, 27 दिसम्बर एएनएस। नए कृषि कानूनों के विरोध में आंंदोलनरत दिल्ली के बॉर्डरों पर डटे किसानों ने रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात का अपने-अपने तरीके से विरोध किया। जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे कांग्रेसी नेताओं ने जूतों से थालियों को बजाकर विरोध किया तो सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने थालियां, ढोल व तालियां बजाकर अपना विरोध दर्ज कराया। यहां पर किसानों ने अर्धनग्न होकर विरोध जताया। गाजीपुर बॉर्डर पर भी थालियां बजाई गईं। टिकरी बॉर्डर पर भी ताली व थाली बजाकर विरोध किया गया। यहां पर शहीदी दिवस मनाकर भी विरोध किया। 
एक महीने से अधिक वक्त से सिंघु सहित दिल्ली की सभी सीमाओं पर विरोध दर्ज करवा रहे किसानों ने रविवार को थालियां, ढोल और तालियां बजाकर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताया। कुछ युवकों ने इस दौरान अपने तन पर आधे कपड़े डालकर भी केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताया। सीमाओं पर थालियां और बर्तन बजाकर विरोध जताने वाले किसान आंदोलन समर्थकों ने सोशल साइट्स के जरिए भी विरोध जताया। मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत होने से पहले ही सीमाओं पर डटे किसान समर्थकों विरोध के लिए तैयारियां कर रखी थीं। विरोध जताने के तरीके को लेकर आसपास की दुकानों से बर्तन और ढोल की बिक्री भी बढ़ गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन की बात तो सुनते आ रहे हैं, लेकिन किसानों की मन की बात पर सुनवाई न होने की वजह से उन्होंने थाली और ताली बजाकर विरोध जताया ।
पिछले एक महीने से भी अधिक वक्त से किसान दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर डटे हुए हैं। इस दौरान बॉर्डर के दोनों तरफ हर तरफ थालियों और तालियों की आवाज के बीच मन की बात के स्वर थोड़े धीमे पड़ गए।